खराब मौसम को ध्यान में रखते हुए बिहार के कृषि वैज्ञानिकों ने फसलों को सुरक्षित रखने के लिए क्रॉप एडवाइजरी जारी की है. पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर भारत शीतलहर की चपेट मे है. जिस वजह से फसल को नुकसान हो सकता है. इस नुकसान से बचने और फसलों को सुरक्षित रखने के लिए राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय ने यह क्रॉप एडवाइजरी जारी की है. पछिया हवा के कारण ठंड का कहर बना हुआ है जिस वजह से लगातार तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है. जिसका असर समान्य जनजीवन के साथ कृषि प्रधान पूर्वी चंपारण जिले में साफ देखा जा रहा है.
नए साल की शुरुआत से बुधवार चौथे दिन भी कोहरे का असर दिखा. जिससे जिले का अधिकतम तापमान 16 डिग्री तो न्यूनतम तापमान 7 डिग्री तक आ पहुंचा है.पिपरा कोठी व परसौनी कृषि विज्ञान केन्द्र के मौसम वैज्ञानिक नेहा पारिख ने बताया कि ऐसा मौसम अगले एक सप्ताह तक देखने को मिल सकता है. तापमान में अभी और और भी गिरावट की उम्मीद है जिससे ठंड बढ़ सकती है. वही केविके पिपरा कोठी के प्रमुख डा.अरविन्द कुमार सिंह ने किसान भाइयों के लिए एक एडवाइजरी जारी कर कहा है कि ऐसे मौसम में फसलों पर प्रतिकुल असर पड़ने की संभावना है.
किसान भाइयों को इस मौसम में फसलों को सुरक्षित रखने और सचेत रहने की सलाह दी गयी है. कृषि वैज्ञानिक के मुताबिक इस मौसम में मुख्यत: गेहूं, मटर आलू,सरसो और सब्जी जैसे फसलों को सुरक्षित रखने की जरूरत है. ऐसे मौसम में इन फसलों पर झुलसा,रतुआ व तना छेदक जैसे रोग होने की संभावना बढ़ जाती है. कृषि वैज्ञानिक डॉ.अरविंद सिंह ने बताया कि ऐसे में गेहूं की खेतों में सिंचाई कर देनी चाहिए. साथ ही हल्की सिंचाई करने से भी मौसम का प्रभाव इन फसलों पर नहीं पड़ता है. इसी प्रकार आलू के खेतों में भी पानी भर देना चाहिए. गेहूँ फसल को दीमक के खतरे से बचाने के लिए क्लोरोपायरीफॉस 20EC दवा 2 ली.20 से 25 किलोग्राम बालू में मिलाकर शाम के समय छिड़काव करने की सलाह दी है.
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सरसों के फसल को रतुआ रोग से बचाने के लिए मौसम साफ रहने पर क्लोरथालोनील 1 ग्राम प्रति लीटर पानी मे मिलाकर छिड़काव करने की सलाह किसानों को दी गयी है. वहीं आलू की फसल को झुलसा व दीमक से बचाने के लिए 2.5 ग्राम इण्डोफिल एम45 प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने के 8 से 10 दिन बाद रीडोमिल दवा का छिड़काव 2.0 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ करने की सलाह भी दी है.
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