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सीएम शिवराज ने दिखाई 406 पशु एंबुलेंस को हरी झंडी, पशुपालकों को होगा फायदा

सीएम शिवराज ने दिखाई 406 पशु एंबुलेंस को हरी झंडी, पशुपालकों को होगा फायदा

मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने गौ रक्षा और संरक्षण पर फोकस करते हुए शुक्रवार को भोपाल के लाल परेड मैदान से 406 पशु एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाई. गोवंश का संरक्षण मध्य प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है. साथ ही यह राज्य गौ माता की रक्षा और संरक्षण के लिए कानून लागू करने वाले अग्रणी राज्यों में शामिल है.

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सीएम शिवराज ने दिखाई 406 पशु एंबुलेंस को हरी झंडी, (twitter) सीएम शिवराज ने दिखाई 406 पशु एंबुलेंस को हरी झंडी, (twitter)

मध्य प्रदेश के पशुपालकों के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार प्रदेश में किसानों के हित में नए आयाम शुरू करती हुई दिखाई दे रही है. सरकार का किसानों तक हर सुविधा पहुंचाने का लगातार प्रयत्न किया जा रहा है और इसी कड़ी में अब सरकार का फोकस गौवंश को लेकर है. इसी कड़ी में आज यानी शुक्रवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की राजधानी भोपाल के लाल परेड मैदान से 406 पशु एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाई. इसके माध्यम से प्रदेश के हर विकासखंड में पशु चिकित्सा एंबुलेंस चलाने की योजना बनाई गई है.

इसमें डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ हमेशा मौजूद रहेंगे और पशुओं को स्पॉट पर ही इलाज किया जा सकेगा. इसके लिए कॉल सेंटर का टोल फ्री नंबर 1962 भी जारी किया गया है, जिस पर फोन कर पशुपालक एंबुलेंस को जरूरत पड़ने पर बुला सके.

प्रदेश में चलेगी पशु एंबुलेंस

प्रदेश सरकार और गौ संवर्धन बोर्ड इस गौ रक्षा संकल्प सम्मेलन का किया, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ गौ रक्षा में लगे सामाजिक कार्यकर्ता, स्वैच्छिक संगठन, गौशाला संचालक, स्वयं सहायता समूह, पर्यावरण जैविक और प्राकृतिक कृषि क्षेत्र में कार्य कर रहे लोग शामिल हुए. वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश शासन के पशुपालन और डेयरी मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने किया और गौ संवर्धन बोर्ड के कार्य परिषद अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए.

सरकार का गौ रक्षा पर फोकस

गोवंश का संरक्षण मध्य प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है. साथ ही यह राज्य गौ माता की रक्षा और संरक्षण के लिए कानून लागू करने वाले अग्रणी राज्यों में शामिल है. सरकार ने जो अधिनियम जारी किए हैं उसमें गाय का वध करने पर 7 साल की सजा दिए जाने का प्रावधान बनाया गया है.  इसी के साथ प्रदेश भर में 1762 गौशालाओं का संचालन किया जा रहा है, जहां लगभग 2 लाख 80 हजार से अधिक गायों को पाला जा रहा है. उन पाले जा रहे गायों के चारे के लिए करोड़ों रुपए का सब्सिडी भी राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है.

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77 करोड़ का आएगा खर्च

केंद्र और राज्य सरकार की इस संयुक्त योजना के संचालन में हर साल लगभग 77 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. इसमें केंद्र द्वारा 60 और राज्य द्वारा 40 प्रतिशत का खर्च देगी. वहीं एंबुलेंस में पशु उपचार के साथ कृत्रिम गर्भाधान, शल्य चिकित्सा और रोग परीक्षण की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी. टोल फ्री नंबर के जरिए पशुपालक घर पर ही पशु चिकित्सा का लाभ उठा सकते हैं. एंबुलेंस के साथ पशु चिकित्सक, पैरावेट और सहायक संचालक मौजूद रहेंगे और यह सीधा राज्य स्तरीय कॉल सेंटर से जुड़ी रहेगी साथ ही इसकी मॉनिटरिंग जीपीएस के जरिए भी की जाएगी.