Wheat Price: केंद्र ने गेहूं के रिजर्व प्राइस में की कटौती, खुदरा बाजार में घट सकते हैं दाम 

Wheat Price: केंद्र ने गेहूं के रिजर्व प्राइस में की कटौती, खुदरा बाजार में घट सकते हैं दाम 

केंद्र सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India) के लिए गेहूं की रिजर्व कीमतों में कटौती की है. सरकार के इस निर्णय के बाद अच्छी और औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) वाला गेहूं 2,150 रुपये प्रति क्विंटल होगा. रिलैक्स्ड स्पेसिफिकेशन के तहत वाले गेहूं की कीमत 2,125 रुपये प्रति क्विंटल होगी.

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Wheat Price: केंद्र ने गेहूं के रिजर्व प्राइस में की कटौती, खुदरा बाजार में घट सकते हैं दाम केंद्र ने गेहूं के रिजर्व प्राइस में की कटौती, फोटो साभार: Freepik

केंद्र सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India) के लिए गेहूं की रिजर्व कीमतों में कटौती की है. सरकार के इस निर्णय के बाद थोक ग्राहकों के लिए खुला बाजार बिक्री योजना (Open Market Sale Scheme) के तहत अच्छी और औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) वाला गेहूं 2,150 रुपये प्रति क्विंटल होगा. रिलैक्स्ड स्पेसिफिकेशन के तहत वाले गेहूं की कीमत 2,125 रुपये प्रति क्विंटल होगी. इससे पहले 10 फरवरी को, सरकार ने पूरे देश में यूआरएस के लिए रिजर्व मूल्य को 2,300 रुपये/क्विंटल और एफएक्यू के लिए 2,350 रुपये/क्विंटल कर दिया था. 

दरअसल, खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में शुक्रवार को कहा कि 31 मार्च तक ई-नीलामी में ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत गेहूं का रिजर्व मूल्य अच्छी और औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) के लिए 2,150 रुपये प्रति क्विंटल और रिलैक्स्ड स्पेसिफिकेशंस के तहत (यूआरएस) श्रेणी के लिए 2,125 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. इससे पहले 10 फरवरी को, सरकार ने पूरे देश में यूआरएस के लिए रिजर्व मूल्य को 2,300 रुपये/क्विंटल और एफएक्यू के लिए 2,350 रुपये/क्विंटल कर दिया था. वहीं पहले भोपाल या लुधियाना से डिपो तक का भाड़ा रिजर्व प्राइस में जोड़ा जाता था.सरकार ने अब तक पहले दो दौर में ई-नीलामी के माध्यम से बिक्री के लिए पेश किए गए 22 लाख टन में से स्टॉक से 13 लाख टन से अधिक गेहूं बेचा है. बाकी मार्च के मध्य तक बेची जाएगी.

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वहीं भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने शुक्रवार को तीसरे दौर की ई-नीलामी के लिए संशोधित रिजर्व मूल्य पर टेंडर जारी की है, जिस पर 22 फरवरी को बेचा जाएगा. खाद्य मंत्रालय ने कहा कि राज्य ई-नीलामी में भाग लिए बिना संशोधित रिजर्व मूल्य पर अपनी योजना के लिए एफसीआई से गेहूं खरीद सकते हैं. रिजर्व प्राइस में कमी से उपभोक्ताओं के लिए गेहूं और गेहूं उत्पादों के बाजार मूल्य को कम करने में मदद मिलेगी.

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, एमएसपी गारंटी मोर्चा के अध्यक्ष वीएम सिंह ने कहा, “हर सरकार वही करती है जो हम देखते रहे हैं. हमेशा किसान सस्ते दामों पर अपना आलू बेचते हैं और व्यापारी फसल को कोल्ड स्टोरेज में रखकर और अगली फसल आने तक बेचकर अधिकतम लाभ लेते हैं." उन्होंने कहा कि किसानों को तभी फायदा होगा जब न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी होगी.

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हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि आगामी फसल के लिए गेहूं का एमएसपी ₹2,125/क्विंटल है, इसलिए रिजर्व मूल्य को उसी स्तर पर रखना यह दर्शाता है कि सरकार बेंचमार्क दर पर गेहूं की खरीद करना चाहती है. वही खाद्य सचिव ने इस सप्ताह की शुरुआत में दावा किया था कि आधिकारिक भंडार से खुले बाजार में गेहूं उतारने के फैसले से इसकी कीमतें 2,500 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे आ गई हैं.

एगमार्कनेट पोर्टल के अनुसार, इस महीने मध्य प्रदेश में औसत मंडी मूल्य 2,491 रुपये प्रति क्विंटल और उत्तर प्रदेश में 2,682 रुपये प्रति क्विंटल था. इन दोनों राज्यों में पिछले साल की तुलना में अधिकतम फसल हुई है. सरकार ने 2021-22 फसल वर्ष से 187.92  लाख टन गेहूं की खरीद की थी, जो एक साल पहले 433.44  लाख टन थी, क्योंकि मार्च के दौरान असामान्य गर्मी की लहर के बाद उपज में गिरावट आई थी.  

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