SHG महिलाओं के लिए गहलोत ने क्या की घोषणाएं, क्या हैं उनके सियासी मायने?

SHG महिलाओं के लिए गहलोत ने क्या की घोषणाएं, क्या हैं उनके सियासी मायने?

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजीविका से जुड़ी स्वयं सहायता समूहों के लिए कई घोषणाएं कीं. सीएम ने कहा कि अब राजीविका कैडर से जुड़ी महिलाओं के मानदेय में 15 प्रतिशत बढ़ोतरी की जा रही है. वहीं, राजीविका से जुड़ी महिलाओं को कृषि एवं गैर कृषि क्षेत्र में एक हजार करोड़ रुपये का ब्याजमुक्त लोन दिया जाएगा.

Advertisement
SHG महिलाओं के लिए गहलोत ने क्या की घोषणाएं, क्या हैं उनके सियासी मायने?सीएम ने SHG महिलाओं के बनाए प्रोडक्ट भी देखे. फोटो- DIPR

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए कई घोषणाएं की हैं. उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि सरकार चाहती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं आत्मनिर्भर बनें. ताकि उनका आर्थिक विकास हो सके. गहलोत ने कहा कि प्रदेश में राजीविका के अंतर्गत 3.60 लाख समूह बनाए गए हैं. इसमें अब लगभग 43 लाख महिलाएं जुड़ी हुई हैं. राज्य सरकार इन समूहों को 4774 करोड़ का ऋण उपलब्ध करवा रही है.

यह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण प्रयास है.

एसएचजी समूहों के लिए गहलोत ने की ये घोषणाएं

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजीविका से जुड़ी स्वयं सहायता समूहों के लिए कई घोषणाएं कीं. सीएम ने कहा कि अब राजीविका कैडर से जुड़ी महिलाओं के मानदेय में 15 प्रतिशत बढ़ोतरी की जा रही है. वहीं, राजीविका से जुड़ी महिलाओं को कृषि एवं गैर कृषि क्षेत्र में एक हजार करोड़ रुपये का ब्याजमुक्त लोन दिया जाएगा.

इसके अलावा एसएचजी से जुड़ी महिलाओं को स्कूटी खरीदने पर कोई ब्याज नहीं देना पड़ेगा. पहले यह 2.5 प्रतिशत था. इसके अलावा उड़ान योजना के अंतर्गत सेनिटरी नैपकिन की पूरी सप्लाई एवं पैड्स बनाने का काम चरणबद्ध रूप से राजीविका को सौंपा जाएगा. गहलोत ने इन घोषणाओं के अलावा कहा कि इंदिरा रसोई योजना-ग्रामीण के अंतर्गत एक हजार रसोइयों का संचालन एवं प्रबंधन राजीविका स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जाएगा.

क्या हैं इन घोषणाओं के सियासी मायने?

राजस्थान में अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं. चुनावों को देखते हुए पिछले महीनों में गहलोत सरकार ने महंगाई राहत कैंप लगाए थे. क्योंकि महंगाई का सबसे ज्यादा असर घर की रसोई पर पड़ता है और रसोई का सीधा संबंध महिलाओं से है. राजीविका से जुड़ी महिलाएं अपने स्किल के अलावा अपने घरों का भी सारा काम संभालती हैं.

ये भी पढ़ें- Fasal Bima: इन तीन राज्यों में मिला फसल बीमा का सबसे अधिक पैसा, कहां कितना पेंडिंग-ये भी जानिए

इसीलिए गहलोत ने चुनावों में महिला वोट बैंक को लुभाने के लिए इस तरह की घोषणाएं की हैं. सैनेटरी पैड्स बनाने, मानदेय में बढ़ोतरी, ब्याज मुक्त लोन से महिलाओं के हाथ में नकदी जाएगी. इससे वे आत्मनिर्भर होंगी और उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा. साथ ही इनमें से अधिकतर महिलाएं इंदिरा गांधी गैस सिलेंडर योजना का भी फायदा ले रही होंगी. वहीं, गांवों में रहने वाली ज्यादातर महिलाएं खेती और पशुपालन से भी जुड़ी हैं. इस तरह महिला वर्ग को सीएम अपनी तरह करने की कोशिश कर रहे हैं. 

अजमेर से की थी स्वयं सहायता समूहों की शुरूआतः गहलोत

राजीविका से जुड़े स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के साथ संवाद कार्यक्रम में गहलोत ने कई बड़ी बातें कहीं. उन्होंने कहा कि राजीविका जैसे कार्यक्रमों से महिलाओं का सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है. मैंने पिछले कार्यकाल में अजमेर जिले से स्वयं सहायता समूहों की शुरूआत की थी.

आज वह प्रयास इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में इतने बड़े रूप में सबके सामने है. राजीविका से जुड़कर महिलाएं विभिन्न प्रकार के उद्यमों एवं नवाचारों में भाग ले रही है, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है. उन्हें अपनी क्षमताओं एवं संविधान प्रदत्त अधिकारों की पहचान हुई है. गहलोत जयपुर के जेईसीसी में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका परिषद् (राजीविका) द्वारा आयोजित ‘सखी सम्मेलन’ को सम्बोधित कर रहे थे. 

ये भी पढे़ं- बढ़ते वाहनों के बीच टायर पायरोलिसिस इकाइयों से कम हो सकता है वेस्ट, जानिए पर्यावरण के लिए कैसे हैं फायदेमंद?

मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को सौंपे चेक

इस संवाद कार्यक्रम के दौरान ही मुख्यमंत्री ने बैंकों की ओर से दिए जाने वाले 381 करोड़ रुपये की ऋण राशि के चेक स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को सौंपे. साथ ही, राजस्थान महिला निधि से दिये जाने वाले 63 करोड़ रुपए, आजीविका संवर्द्धन सहायता में दिए जाने वाले 160 करोड़ रुपए एवं जलग्रहण विकास कर्न्वजेंस सहायता द्वारा दिए जाने वाले 98 करोड़ रुपए की राशि के चेक भी राजीविका से जुड़ी महिलाओं को दिए गए. इस अवसर पर श्री गहलोत ने महिलाओं को स्कूटी की चाबी सौंपी एवं सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को सम्मानित किया. 

मुख्यमंत्री ने की इन योजनाओं की शुरूआत

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समर्थ सखी योजना, इंदिरा रसोई योजना (ग्रामीण), एकीकृत खेती क्लस्टर (आईएफसी) कार्यक्रम एवं डिजिटल सखी योजना की शुरूआत की. सीएम ने कहा कि डिजिटल सखी योजना के तहत महिलाओं को चरणबद्ध रूप से डिजिटल प्रशिक्षण दिया जाएगा. एकीकृत खेती क्लस्टर कार्यक्रम के द्वारा महिला किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा.


POST A COMMENT