किसी भी वक्त आसानी से और सस्ता मिलने वाला खाने का आइटम है आमलेट है. सस्ता इस मायने में कि 15 से 20 रुपये वाले किसी भी नाश्ते में इससे ज्यादा प्रोटीन नहीं मिलेगा. हमारे देश में बीते साल प्रति व्यक्ति 95 अंडे खाए गए थे. दूसरे देशों को देखते हुए बेशक यह आंकड़ा कम है लेकिन अच्छी बात यह है कि ये आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. अंडा खपत के मामले में हम कम हैं, लेकिन अंडा उत्पादन में हमारा देश विश्व की सूची में तीसरे नंबर पर है.
अंडा उत्पादन के मामले में देश के पांच राज्य एक तरफ और देश के बाकी राज्य एक तरफ हैं. अकेले पांच राज्य ऐसे हैं जहां देश के कुल अंडा उत्पादन का 64.56 फीसद अंडा उत्पादन होता है. आंध्रा प्रदेश और तेलंगाना में प्रति व्यक्ति सबसे ज्यादा अंडे उपलब्ध हैं. अंडे को बढ़ावा देने के लिए नेशनल एग कोऑर्डिनेशन कमेटी (एनईसीसी) संडे हो या मंडे, रोज खाएं अंडे सरीखे विज्ञापन भी चला रही है.
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केन्द्रीय पशुपालन मंत्रालय की साल 2022 की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल देश में करीब 13 हजार करोड़ अंडों का उत्पादन हुआ था. इसमे से अकेले 64.56 फीसद यानि करीब 7.5 हजार करोड़ अंडों का उत्पादन सिर्फ 5 राज्यों आंध्रा प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडू, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में ही हुआ था. रिपोर्ट की मानें तो आंध्रा प्रदेश में 20.41 फीसद अंडे, तमिलनाडू में 16.08 फीसद और तेलंगाना 12.86 फीसद, पश्चिम 8.84 और कर्नाटक में 6.38 फीसद अंडों का उत्पादन हुआ था.
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडू, पश्चिीम बंगाल और कर्नाटक के बाद 5 फीसद से ज्यादा अंडा उत्पादन करने वाले राज्यों में हरियाणा और महाराष्ट्रा हैं. पोल्ट्री फार्मर मनीष शर्मा के अनुसार देश में 28 करोड़ से ज्यादा मुर्गियां अंडे की डिमांड को पूरा करती हैं. हालांकि ऐसी उम्मीद है कि साल 2025-26 तक अंडा देने वाली मुर्गियों की संख्या 32 से 33 करोड़ तक हो जाएगी.
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यूपी पोल्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अली अकबर का कहना है कि डायटिशियन और डॉक्टर के मुताबिक हर एक इंसान को कम से कम दो अंडे रोजाना खाने चाहिए. कम से कम और आसान डाइट में अंडे से ज्यादा प्रोटीन किसी और चीज में नहीं मिल सकता है.
चलते-फिरते, मेट्रो ट्रेन में या बस में बैठकर आराम से खाए जाने वाला अंडा ही है. मेट्रो सिटी की तेज रफ्तार जिंदगी में सबसे आसानी से मिलने और बनने वाला नाश्ता भी अंडा ही है. अंडे की खपत बढ़ने से जहां लोगों की हैल्थ बनेगी वहीं पोल्ट्री कारोबार भी देश की अर्थ व्यवस्था में और ज्यादा योगदान देगा.
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