हाल ही में गिरफ्तार किए गए तीन किसान कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग को लेकर किसान यूनियनों ने बुधवार को पटियाला जिले के शंभू सीमा पर रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया. शंभू बॉर्डर पर दो प्वाइंट पर भारी पुलिस बल की तैनाती थी. किसानों ने रेलवे स्टेशन की ओर जाने वाली सड़क पर की गई बैरिकेडिंग को आसानी से हटा दिया और फिर रेलवे स्टेशन में दाखिल हो गए. दिलचस्प बात यह है कि पंजाब पुलिस ने पानी की बौछारें भी की. रेलवे स्टेशन से ठीक पहले महिला पुलिसकर्मियों को मोर्चे पर तैनात करके प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की गई, लेकिन किसानों की संख्या अधिक होने के कारण वे नाकाम रहे.
प्रदर्शनकारी रेलवे स्टेशन में घुस गए और फिर रेलवे ट्रैक के बीच में तंबू लगा दिया. किसान यूनियन के नेता मंजीत सिंह राय ने 'इंडिया टुडे' को बताया कि पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि तीनों किसानों को रिहा कर दिया जाएगा. एसकेएम (गैर राजनीतिक) के बैनर तले किसानों ने आंदोलन करके किसान कार्यकर्ताओं को रिहा करने के लिए 16 अप्रैल की समय सीमा दी थी. लेकिन, समय बीतने के बाद भी किसानों को नहीं छोड़ा, जिसके बाद आज प्रदर्शन किया गया.
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इस बीच, रेलवे ट्रैक जाम करने के कारण 11 ट्रेनें रद्द कर दी गईं और 34 अन्य ट्रेनें प्रभावित हुईं. रेलवे अधिकारियों ने शंभू स्टेशन पर नाकेबंदी को ध्यान में रखते हुए कुछ ट्रेनों के रूट को छोटा करने के अलावा अलग-अलग ट्रेनों के रूट को डायवर्ट कर दिया है. राय और जगजीत सिंह दल्लेवाल सहित किसान यूनियन नेताओं ने कहा कि जब तक तीन किसान कार्यकर्ताओं को रिहा नहीं किया जाता तब तक वे रेलवे ट्रैक को जाम करना जारी रखेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने विभिन्न मांगों पर दबाव बनाने के लिए 13 फरवरी, 2024 को शंभू सीमा पर अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया था.
किसान संघ अनीश खटकर, नवदीप सिंह जलवेड़ा और गुरकीरत सिंह इन तीन कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग कर रहे थे. अनीश खटकर जहां जींद जेल में बंद हैं वहीं अन्य अंबाला सेंट्रल जेल में हैं. जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा, हमें रेलवे ट्रैक को जाम करने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि अधिकारियों ने तीन कार्यकर्ताओं को रिहा करने की 16 अप्रैल की समय सीमा पूरी होने के बाद भी अपने वादे को पूरा नहीं किया. हमारा विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक उन्हें रिहा नहीं किया जाता.
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