साल 2023 को "इंटरनेशनल मिलेट ऑफ द ईयर" घोषित किया है, जिसका उद्देश्य दुनिया भर में मोटे अनाजों से बने व्यंजनों और मूल्य वर्धित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक जन आंदोलन बनाना है. मोटे अनाजों को उच्च प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और पौष्टिक खनिज सामग्री की प्रचुरता के कारण एक पोषण वर्धक खाने के सामाग्री के रूप में जाना जाता है. साथ ही मोटे अनाज कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के अलावा, कम खाद और पानी में उपज जाते हैं इसलिए पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद होते हैं. वहीं केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार, एम्स नई दिल्ली में केंद्रीय कैफेटेरिया की दूसरी मंजिल पर एक 'मिलेट कैंटीन' खोली जाएगी. यह कैंटीन दिन के 24 घंटे, सप्ताह के सातों दिन खुली रहेगी और 1 मार्च, 2023 तक पूरी तरह से शुरू हो जाएगी.
दुनियाभर में मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के अन्य सरकारी प्रयासों के अलावा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को बजट 2023 में घोषणा की कि हैदराबाद के भारतीय मिलेट्स अनुसंधान केंद्र को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनुसंधान और प्रौद्योगिकियों को साझा करने के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में सहयोग दिया जाएगा. अपने बजट भाषण में, वित्त मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा 'श्री अन्न' उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है. लगभग 12.5 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र और वैश्विक उत्पादन में 15% से अधिक की हिस्सेदारी के साथ, भारत मिलेट्स उत्पादन में अग्रणी उत्पादकों में से एक है.
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बता दें कि भारत में प्रमुख मोटे अनाज उत्पादक राज्य राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना हैं. वहीं असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा ने 1 फरवरी को गुवाहाटी में जनता भवन के परिसर में एक ‘मिलेट कैफे’ का उद्घाटन किया था.
इसके अलावा 31 जनवरी को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा था कि, FSSAI जल्द ही स्कूलों, अस्पतालों, सरकारी कैंटीनों और अन्य संस्थानों के लिए अपने भोजन मेनू में पोषण विकल्प के रूप में मिलेट्स शामिल करने के लिए दिशानिर्देश बनाएगी.
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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने मिलेट्स 2023 के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष की थीम पर झांकी निकाली थी, जो कर्तव्य पथ पर 74वें गणतंत्र दिवस परेड के विशेष आकर्षणों में से एक थी. आईसीएआर की झांकी में ज्वार, बाजरा, रागी, कुटकी और सांवा की संपन्न फसलों को दर्शाया गया था. साथ ही झांकी के आगे ट्रैक्टर को बाजरे के दाने की रंगोली से सजाया गया था.
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