सीएसआईआर ने फूलों की खेती अभियान को 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में भी फूलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. राज्य के किसानों को इसका फायदा हो इसके लिए एनबीआरआई प्रमुख भूमिका निभा रहा है, जिसके तहत यूपी फ्लोरीकल्चर कोरिडोर बनाने की दिशा में एनबीआरआई ने प्रयास शुरू कर दिए हैं. उत्तर प्रदेश में कॉरिडोर बनने से किसानों को फूलों की खेती से ज्यादा लाभ मिलेगा.
बनारस, अयोध्या और लखनऊ को जोड़ते हुए फूलों की खेती को बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है. अयोध्या में राम मंदिर बनने से फूलों की मांग में इजाफा होगा. इसलिए जिले के आसपास किसानों को प्रोत्साहित करके फूलों की खेती करने के लिए किसानों को हर तरह की सहायता दी जा रही है.
उत्तर प्रदेश में फ्लोरीकल्चर मिशन को तेजी से बढ़ाने के लिए सरकार के साथ-साथ नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट काम कर रही है. फ्लोरीकल्चर मिशन के नोडल वैज्ञानिक डॉ केजे सिंह ने बताया कि देश के 22 राज्यों में यह मिशन चल रहा है. वहीं उत्तर प्रदेश में 20 क्लस्टर के माध्यम से फूलों की खेती को बढ़ावा दिया है. अब तक प्रदेश के 300 किसानों को इसका लाभ मिल चुका है. गुलाब के साथ-साथ ग्लेडियोलस, गेंदा की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. उत्तर प्रदेश में फ्लोरीकल्चर कॉरिडोर बनाने पर काम शुरू हो गया है.
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देश में फ्लोरीकल्चर मिशन की शुरुआत तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने 4 मार्च 2021 को की थी. सीएसआईआर फ्लोरीकल्चर मिशन को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद सहित कई अन्य निकायों के सहयोग से लागू किया गया, जिसमें फ्लोरीकल्चर निदेशालय, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय और विश्वविद्यालय के साथ-साथ कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ,खुशबू और स्वाद विकास केंद्र, खादी और ग्रामोद्योग आयोग शामिल हैं.
फ्लोरीकल्चर मिशन के माध्यम से उत्तर प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. वही मधुमक्खी पालन, जंगली सजावटी पौधों के जरिए किसानों की आय भी बढ़ेगी. उत्तर प्रदेश में फूलों की खेती की अपार संभावना है. वाराणसी और आसपास के जिलों में तेजी से फूलों की खेती किसानों के द्वारा की जा रही है. वही एनबीआरआई के द्वारा किसानों को फूलों से value-added प्रोडक्ट के रूप में हर्बल गुलाल ,हर्बल सिंदूर, अगरबत्ती और धूपबत्ती बनाने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है. उत्तर प्रदेश में फूलों की खेती करने वाले किसानों का समूह बनाकर उनको फूलों का प्लांटिंग मटेरियल भी एनबीआरआई के द्वारा दिया जा रहा है.
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