देशभर में अब खरीफ सीजन की बुवाई तेज हो गई है. ऐसे में डीएपी, यूरिया, एनपीके सहित अन्य खादों की मांग ने भी तेजी पकड़ ली है. इस बीच, उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है. लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत में शाही ने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार पूरे उत्तर प्रदेश में किसानों को समय पर बीज और उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है. आगामी खरीफ सीजन की तैयारियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि राज्य में 27 लाख मीट्रिक टन यूरिया पहले ही उपलब्ध करा दिया गया है. अतिरिक्त 10 लाख मीट्रिक टन की आपूर्ति की जा रही है, जिससे कुल उपलब्धता 37 लाख मीट्रिक टन हो जाएगी.
पिछले खरीफ सीजन के दौरान कुल यूरिया की खपत 32.84 लाख मीट्रिक टन थी और इस साल का स्टॉक उस मांग से अधिक है. मंत्री ने कहा, "उर्वरक वितरण में अनियमितताओं और कालाबाजारी को रोकने के लिए सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है. अब तक 26 व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और 580 खुदरा विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं."
जुलाई में केंद्र सरकार अतिरिक्त 10 लाख मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति करेगी, जिससे सितंबर तक उर्वरक की सभी जरूरतें पूरी हो सकेंगी. उन्होंने राज्य में यूरिया, डीएपी, एनपीके, एमओपी और एसएसपी समेत सभी प्रमुख उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता की भी पुष्टि की. वितरण के बाद उपलब्ध उर्वरक स्टॉक में यूरिया (15 लाख मीट्रिक टन), डीएपी (2.90 लाख मीट्रिक टन), एनपीके (2.91 लाख मीट्रिक टन), एमओपी (0.77 लाख मीट्रिक टन) और एसएसपी (3.14 लाख मीट्रिक टन) हैं.
आपूर्ति और वितरण में किसी तरह की देरी या लापरवाही न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य में कार्यरत 26 उर्वरक कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई. कृषि मंत्री ने स्पष्ट किया कि वास्तविक जरूरत की तुलना में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है और सरकार हर स्तर पर सतर्क है. उन्होंने यह भी बताया कि वितरण प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए निजी कंपनी के रेक प्वाइंट के माध्यम से आपूर्ति की जाने वाली यूरिया का 25 प्रतिशत पीसीएफ द्वारा वितरित किया जाएगा.
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