सब्जी की खेती (Photo/Meta AI)मध्य प्रदेश में जनजाति बहुल गांवों के वनपट्टाधारी परिवारों की आय बढ़ाने और उनके सामाजिक-आर्थिक जीवन में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार ने एक नई पहल शुरू की है. इस पहल के तहत चार डिवीजन के 16 जिलों में जनजातीय वर्ग के लोगों को वन भूमि पर पैदावार बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत सब्जी उत्पादन के लिए खास सब्सिडी दी जाएगी. यह सब्सिडी प्रति हेक्टेयर इकाई लागत की 90 प्रतिशत तक हो सकती है, जिससे किसानों को खेती में लागत की चिंता किए बिना उत्पादन बढ़ाने का अवसर मिलेगा.
आयुक्त उद्यानिकी विभाग के अनुसार, यह योजना नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, जबलपुर, मंडला, सिवनी, छिंदवाड़ा, कटनी, नरसिंहपुर, डिंडोरी, बालाघाट, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, भोपाल और सीहोर जिलों में लागू की जा रही है. विशेष रूप से भोपाल संभाग के कोलार बांध के आसपास के वनपट्टाधारी किसानों को भी योजना का लाभ मिलेगा. इस योजना का मुख्य उद्देश्य जंगलों के किनारे बसे समुदायों को खेती की ओर प्रोत्साहित कर उन्हें स्थायी आमदनी के साधन उपलब्ध कराना है.
किसानों को कृषि तकनीकी विशेषज्ञों और मार्केटिंग एक्सपर्ट की सलाह के आधार पर टमाटर, लौकी, करेला, फूलगोभी, पत्ता गोभी, ब्रोकली, हरी मटर, बैंगन, शिमला मिर्च, भिंडी, खीरा, गाजर, चुकंदर, मूली, शलजम, राजमा, शकरकंद, सहजन की फली (मुनगा) और अन्य पत्तेदार सब्जियों की खेती के लिए सब्सिडी दी जाएगी. ये सभी फसलें बाजार में उच्च मूल्य वाली मानी जाती हैं, जिनसे किसानों को बेहतर लाभ प्राप्त हो सकता है.
योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को एमपीएफएसटीएस पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीयन कराना अनिवार्य है. पंजीयन के बाद जिन किसानों का चयन किया जाएगा, उन्हें उद्यानिकी विभाग की ओर से आधुनिक खेती तकनीक, फसल प्रबंधन, मार्केटिंग, प्रोसेसिंग और फसलोत्तर देखरेख से जुड़ी ट्रेनिंग भी दी जाएगी.
इस बीच, राज्य सरकार ने किसानों की आर्थिक सहायता के लिए एक और राहत योजना जारी रखी है. वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने सहकारी बैंकों और प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) के माध्यम से किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि फसल लोन देने की योजना को जारी रखने का निर्णय लिया है. इसे लेकर आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिए हैं.
जारी आदेश के अनुसार, खरीफ 2025 सीजन के लिए ऋण की देय तिथि 28 मार्च 2026 और रबी 2025-26 सीजन के लिए 15 जून 2026 निर्धारित की गई है. अल्पावधि फसल लोन लेने वाले किसानों को 1.5 प्रतिशत सामान्य ब्याज अनुदान मिलेगा, जबकि निर्धारित तिथि तक लोन चुकाने वाले किसानों को 4 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज सब्सिडी प्रोत्साहन के रूप में दी जाएगी.
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