चाय किसानों को उनकी फसल खरीद को लेकर आसानी होने जा रही है. दरअसल, वाघ बकरी (Wagh Bakri) चाय समूह ने चाय उत्पादन बढ़ाने के लिए 100 करोड़ रुपये की लागत से गुजरात में प्रोडक्शन और स्टोरेज यूनिट लगाने की घोषणा की है. इससे स्थानीय चाय उत्पादकों को लाभ मिलने की संभावना बढ़ गई है. जबकि, कंपनी चाय बनाने के लिए कच्चा माल खरीदने की कैपेसिटी भी बढ़ा सकती है. कंपनी ने कहा है कि नई यूनिट लगाने से वह हर दिन 3-4 हजार पैकेट अधिक उत्पादन कर सकेगी.
पीटीआई के अनुसार अहमदाबाद मुख्यालय वाली वाघ बकरी टी ग्रुप अपनी कच्चे माल भंडारण क्षमता और इंस्टेंट चाय उत्पादन को बढ़ाने के लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ गुजरात में एक नया प्लांट स्थापित करेगी. कंपनी के सीईओ संजय सिंघल ने मंगलवार को कहा कि नया गोदाम स्वचालित स्टॉक रिट्रीवल सिस्टम (ASRS) से लैस होगा. पिछले साल अगस्त में वाघ बकरी में सीईओ के रूप में शामिल हुए सिंघल ने कहा कि नई यूनिट अपनी इंस्टेंट चाय और कच्चे माल के गोदाम की क्षमता का विस्तार करेगी.
उन्होंने कहा कि हम मूल रूप से अपनी बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए एक नई मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट स्थापित कर रहे हैं. खासकर इंस्टेंट चाय कैटेगरी में. उन्होंने कहा कि नई यूनिट गुजरात के डाकोर में 100 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से बनेगी और 2025 की तीसरी तिमाही तक तैयार हो जाएगी. नए प्लांट के साथ कंपनी अपनी इंस्टेंट चाय उत्पादन क्षमता को मौजूदा 3000-4000 पैकेट प्रतिदिन से 5 गुना बढ़ाएगी. नई इंस्टेंट चाय लाइन के साथ यह प्रतिदिन 20000 पैकेट तक बढ़ जाएगी. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि कंपनी उत्पादकों से रॉ चाय खरीदेगी, जिससे किसानों को फायदा पहुंचेगा.
सीईओ ने कहा कि इसके अलावा चाय स्टोरेज कैपेसिटी 50 फीसदी बढ़कर लगभग 15-18 लाख चेस्ट हो जाएगी. इसमें प्रत्येक चेस्ट में 14-20 किलोग्राम की क्षमता होगी. कंपनी हर महीने नए प्रोडक्ट लॉन्च करती रहती है और विभिन्न शहरों में नए चाय लाउंज खोलती रहती है. उन्होंने कहा कि हमने 2023-24 में करीब 34 चाय लाउंज के साथ शुरुआत की थी और इस साल 20 और जोड़े हैं. हमारी योजना हर तिमाही में कुछ स्टोर खोलने की है.
सिंघल ने कहा कि भारत का चाय उत्पादन पिछले साल की तुलना में 8-12 फीसदी कम हुआ. तब भी कंपनी की वॉल्यूम ग्रोथ अधिक रही. उन्होंने कहा कि हमारा उत्पादन पिछले साल की तुलना में अधिक रहा है. चाय की नई कीमतें अगले साल के उत्पादन पर आधारित होंगी. उन्होंने कहा कि वाघ बकरी के पास 9 फीसदी बाजार हिस्सेदारी है और यह सबसे ज्यादा बिकने वाला प्रीमियम चाय ब्रांड है. सालाना बिक्री लगभग 60 मिलियन किलोग्राम है. इसमें से 12-15 फीसदी निर्यात किया जाता है.
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