प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भारत के किसानों को सरकार की "सर्वोच्च प्राथमिकता" बताए जाने के बाद, आंध्र प्रदेश के अमरावती में किसानों ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अपना विश्वास जताया. साथ ही किसानों ने घरेलू कृषि बाजारों को खोलने की अमेरिका की मांग के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का आह्वान किया. अमरावती के एक किसान राममजनेयुलु ने पीएम मोदी के हालिया बयान का समर्थन करते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मोदी नहीं डरते हैं."
देश और आंध्र प्रदेश के विकास में विश्वास व्यक्त करते हुए, किसान ने कहा कि हमारी सरकार बहुत अच्छी तरह से काम कर रही है. मोदी की उपस्थिति में, हमें विश्वास है कि आंध्र प्रदेश भारत के हिस्से के रूप में शानदार ढंग से फलेगा-फूलेगा. हमें पूरा विश्वास है कि यह समृद्ध और भव्य बनेगा." इस दौरान एक दूसरे किसान सीता रामय्या होप ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में आशा व्यक्त करते हुए कहा कि किसानों ने अमरावती के विकास के लिए राज्य में लैंड पूलिंग योजना के तहत कई एकड़ जमीन दी है, साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी शहर के विकास और पोलावरम परियोजना के लिए राज्य को अनुदान देने का वादा किया है.
किसानों ने कहा, "हमने लैंड पूलिंग के तहत 6.5 एकड़ ज़मीन दी, यह विश्वास करते हुए कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में अमरावती का विकास होगा. हमसे वादा किया गया था कि केंद्र सरकार, वर्ल्ड बैंक और एशियाई विकास बैंक के सहयोग से अमरावती को एक विश्वस्तरीय शहर बनाएंगे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी हमें यही आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश को ऋण नहीं, बल्कि अनुदान देगी. किसान ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के बीच तुलना करते हुए कहा कि वे "अप्रत्याशित हैं और दूसरों को डराने की कोशिश करते हैं."
किसान ने कहा, "सच कहूं तो, ट्रंप मुझे हमारे पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की याद दिलाते हैं, जो अप्रत्याशित हैं और लगातार दूसरों को डराने की कोशिश करते रहते हैं. ऐसा लगता है जैसे वह भारत को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं." अगर हम रूस से तेल खरीदते हैं, तो क्या अमेरिका इसकी इजाज़त देगा? क्या हमें हमेशा उनकी बात माननी होगी? क्या भारत को अमेरिका के गुलाम की तरह व्यवहार करना चाहिए? मोदी को अमेरिका के आगे झुकना नहीं चाहिए. इसके बजाय, हमें अपनी संप्रभुता का दावा करना चाहिए. अगर मोदी अमेरिका की हर बात मानेंगे, तो हमारा देश उनके अधीन हो जाएगा."
गौरतलब है कि गुरुवार को, अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के विरोध में अपने संदेश में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि किसान भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं और देश उनके हितों से कभी समझौता नहीं करेगा. एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हमारे लिए, हमारे किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है. भारत किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा. मुझे पता है कि हमें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और मैं इसके लिए तैयार हूं. भारत इसके लिए तैयार है."
(सोर्स- ANI)
ये भी पढ़ें-
अमरावती में मूसलाधार बारिश से किसानों के बीच "कहीं खुशी, कहीं ग़म" जैसी स्थिति
चारा मिल ने बदली तुरेनार गांव की किस्मत, लोगों को मिला रोजगार, पलायन घटा
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today