उत्तर प्रदेश सरकार ने छुट्टा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए प्रदेश में जगह-जगह स्थाई, अस्थाई गौशाला बनाई है. इसके बावजूद बड़ी संख्या में घूम रहे ये पशु किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इसी कड़ी में योगी-2.0 के लिहाज से 'मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना' प्रदेश के किसानों के लिए बड़ी सौगात बन सकती है. योजना की उपयोगिता के मद्देनजर ही सरकार अब इसे सिर्फ बुंदेलखंड में नहीं, पूरे प्रदेश में एक साथ लागू करेगी. इसीलिए योजना के बाबत प्रस्तावित बजट 75 करोड़ से बढ़ाकर 350 करोड़ रुपये कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना किसान के खेत की फसल को पशुओं से बचाने के लिए सोलर फेंसिंग की योजना है. इसके तहत लगाई जाने वाली सोलर फेंसिंग की बाड़ में मात्र 12 बोल्ट का करंट प्रवाहित होगा. इससे सिर्फ पशुओं को झटका लगेगा. कोई क्षति नहीं होगी. हल्के करंट के साथ सायरन की आवाज भी होगी.
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इससे छुट्टा या जंगली जानवर मसलन नीलगाय, बंदर, सुअर आदि खेत मे खड़ी फसल को क्षति नहीं पहुंचा सकेंगे. इसके लिए सरकार लघु-सीमांत किसानों को प्रति हेक्टेयर लागत 60 फीसद या 1.43 लाख रुपये का अनुदान भी देगी. कृषि विभाग इस योजना का ड्राफ्ट तैयार कर चुका है. शीघ्र ही इसे कैबिनेट में भेजा जाएगा. वहां से मंजूरी मिलने के बाद अब इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा.
पशु खेत में खड़ी फसल का नुकसान तब अधिक करते हैं जब उनको पास में कुछ खाने को नहीं मिलता. गोचर भूमि इसके लिए जरूरी है. गोचर भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग 11 जुलाई से अभियान चल रहा है. यह अभियान 25 अगस्त तक चलेगा.
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उल्लेखनीय है कि छुट्टा पशुओं की यह समस्या कमोबेश पूरे प्रदेश में एक जैसी है. विपक्ष समय-समय पर इस समस्या को लेकर तंज कसता रहता है. पार्टी के जनप्रतिनिधियों को भी फील्ड में इस बाबत सुनना पड़ता है. अगले साल लोकसभा चुनाव में यह मुद्दा न बने, इसमें ये कदम मददगार बनेंगे.
मामले में प्रदेश के किसान नेता हरनाम सिंह ने बताया कि 'छुट्टा पशु' आज बहुत बड़ी समस्या है. उन्होंने पशुपालकों से अपील करते हुए कहा कि हर किसान अपने पशुओं को सड़क पर ना छोड़े और खुद इसका ध्यान रखें. सिंह ने आगे कहा कि पशुओं को बाड़े में बंद करके नहीं रखा जा सकता. वहीं सीएम खेत सुरक्षा योजना लागू होने से धन की हानी होगी. इसके लिए प्रदेश के सभी पशुपालकों को जागरूक होकर पहल करनी होगी.
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