UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पंचायती राज विभाग के कार्यक्रमों/योजनाओं की समीक्षा की और ग्राम पंचायतों के सशक्तिकरण के सम्बंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश की समृद्धि के लिए गांवों का सशक्तिकरण आवश्यक है, इस दिशा में बीते 6 वर्ष में उत्तर प्रदेश में हुए नियोजित प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं. देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में देश की कुल पंचायतों के लगभग 5वां हिस्सा है. वर्तमान में 57,702 ग्राम पंचायतों, 75 जिला पंचायतों, 826 क्षेत्र पंचायतों के माध्यम से प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था आदर्श रूप में कार्य कर रही है. हमारी कई पंचायतों ने नवाचार अपना कर एक मॉडल प्रस्तुत किया है. हमें अपने गांवों को आत्मनिर्भर बनाना होगा. गांवों में प्रतिभा पोटेंशियल है, आवश्यकता है, उन्हें थोड़ा गाइडेंस की. इस संबंध में ठोस प्रयास किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में संचालित ग्राम सचिवालयों को हाई स्पीड इंटरनेट सेवा से लैस किया जाए. सचिवालय परिसर के 50 मीटर परिधि में आम जन के उपयोगार्थ वाई-फाई की सुविधा भी मुहैया कराई जाए. हर गांव डिजिटल सुविधा युक्त हो. इस संबंध में आवश्यक कार्ययोजना तैयार करें. प्रदेश की जिला पंचायतों में ई-गवर्नेंस प्रणाली को लागू कर कार्यों के संपादन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से ऑनलाइन रेवेन्यू मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल को लागू किया जाए. इस पोर्टल से कर वसूली, लाइसेंस निर्गत करने की प्रक्रिया, मानचित्र की स्वीकृति आदि को सुचारु एवं पारदर्शी रूप से किया जाना संभव होगा.
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सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सभी ग्राम सचिवालयों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम और सीसीटीवी कैमरे की उपलब्धता कराएं. ग्रामीण क्षेत्र में मौसम के पूर्वानुमान के लिए कृषि विभाग के साथ समन्वय स्थापित करते हुए ऑल वेदर स्टेशन व रेन गेज़ स्थापित कराए जाएं. सीएम ने आगे कहा कि साधन संपन्न परिवारों के पास अपने परिजनों के विवाह व अन्य कार्यक्रमों के आयोजन के लिए अनेक विकल्प होते हैं.
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किंतु सीमित अथवा कमजोर आय वाले परिवारों के लिए ऐसे समारोहों का भव्य आयोजन करने में बड़ी आर्थिक समस्या होती है. गांवों में बारातघर की बड़ी आवश्यकता है. ऐसे में सभी ग्राम पंचायतों में बारातघर का निर्माण कराया जाना चाहिए. मातृभूमि योजना के अंतर्गत अब तक मिले प्रस्ताव उत्साहजनक हैं. हर जिले के लिए प्रवासी जनों से प्रस्ताव मिल रहे हैं. इस योजना का उपयोग गांवों में बारातघर निर्माण में भी किया जाना चाहिए.
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