जेलीफ़िश समुद्री जीव है जो समुद्र के अलग-अलग हिस्सों में पाया जाता है. जेलीफ़िश समुद्र के गर्म और ठंडे क्षेत्रों से लेकर गहरे पानी और समुद्र तट तक, कहीं भी रह सकती है. इसे कही भी रहने में कोई समस्या नहीं होती है. ये अन्य समुद्री जीवों से अलग दिखते हैं. जेलिफ़िश दिखने में एक छतरी के आकार का होता है. जेलिफ़िश में मस्तिष्क यानी दिमाग और शरीर नहीं होता है. फिर भी यह बेहद बुद्धिमान स्वभाव के जीव होते हैं. आपको बता दें जेलिफ़िश, झींगा, केकड़े और छोटे पौधों पर पनपती है. जेलिफ़िश के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 3 नवंबर को विश्व जेलिफ़िश दिवस मनाया जाता है.
साउदर्न हेमिस्फेरे में नवंबर के महीने में वसंत ऋतु का मौसम होता है. यह वर्ष का वह समय है जब जेलीफ़िश नॉर्दन हेमिस्फेरे के समुद्र तट की ओर चली जाती है. 2014 से 3 नवंबर को विश्व जेलिफ़िश दिवस के रूप में मनाया जाता है.
जेलीफ़िश का वैश्विक समुद्री प्लवक पारिस्थितिकी तंत्र (plankton ecosystem) के बायोमास, स्पेटियोटेम्पोरल गतिशीलता और सामुदायिक संरचना पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है. ये बहुत महत्वपूर्ण समुद्री जीव हैं जिसका अध्ययन और शोध किया जाता है. जेलीफ़िश का इस्तेमाल खाने में भी किया जाता है. चीन में, जेलीफ़िश का उपयोग एक स्वादिष्ट डिश के रूप में किया जाता है और यह घरेलू उपचार का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है. जेलीफ़िश अपने जाल में छोटी मछलियाँ भी रख सकती है.
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ऐसा माना जाता है कि जेलिफ़िश डायनासोर से भी पुरानी हैं और 500 मिलियन से अधिक वर्षों से पृथ्वी पर मौजूद हैं. उनके शरीर में दिल या हड्डियाँ नहीं होती है. हालाँकि, उनके पास एक केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central nervous system) और एक मुँह होता है जो शरीर के मध्य में स्थित होता है. कुछ जेलिफ़िश अंधेरे में चमक सकती हैं. विश्व जेलिफ़िश दिवस मनाने का सबसे अच्छा तरीका पास में एक मछलीघर ढूंढना है जहाँ हम इन समुद्री जीवों को देख सकें.
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