महाराष्‍ट्र सरकार ने कपास, हल्‍दी-मक्‍का किसानों के लिए उठाया बड़ा कदम, जानिए कैसे मिलेगा फायदा

महाराष्‍ट्र सरकार ने कपास, हल्‍दी-मक्‍का किसानों के लिए उठाया बड़ा कदम, जानिए कैसे मिलेगा फायदा

Agriculture News: महाराष्ट्र सरकार ने पुणे में हेजिंग डेस्क शुरू की है, जो किसानों को कपास, हल्दी और मक्का की कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचाकर बाजार जोखिम कम करने में मदद करेगी. 3000+ किसानों को हेजिंग और ऑप्शन ट्रेडिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी.

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महाराष्‍ट्र सरकार ने कपास, हल्‍दी-मक्‍का किसानों के लिए उठाया बड़ा कदम, जानिए कैसे मिलेगा फायदामहाराष्‍ट्र के पुणे में किसानों की मदद के लि‍ए हेजिंग डेस्‍क शुरू (सांकेतिक तस्‍वीर)

देशभर में किसानों की आय बढ़ाने और उन्‍हें फसलों का उचि‍त बाजार मूल्‍य दिलाने के लिए विभ‍िन्‍न पहलों और योजनाओं को लागू किया जा रहा है. इसी क्रम में महराष्‍ट्र सरकार ने एक कदम उठाते हुए बालासाहेब ठाकरे कृषि व्यवसाय और ग्रामीण परिवर्तन (स्मार्ट) परियोजना के पहले चरण में पुणे में एक हेजिंग डेस्क (जोखिम प्रबंधन सेल) शुरू की है. यह डेस्क शुरू में कपास, हल्दी और मक्का की फसलों पर फोकस करेगी. समय के साथ, इस पहल का विस्तार करके और अधिक फसलों को शामिल किया जाएगा.

यह पहल कृषि क्षेत्र के विकास में बड़ा कदम: सीएम

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि‍ इस पहल को नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) और इसके शोध विंग एनसीडीईएक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कमोडिटी मार्केट्स एंड रिसर्च (एनआईसीआर) के सहयोग से लागू किया गया है. पहल का उद्देश्य किसानों को बाजार मूल्य में उतार-चढ़ाव के कारण होने वाले नुकसान से बचाना है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे कृषि क्षेत्र के विकास के लिए एक बड़ा कदम बताया है.

इस तरह होगा किसानों को फायदा

हेजिंग, खेत की रक्षा करने वाली बाड़ की तरह, किसानों को बाजार में मूल्य में उतार-चढ़ाव के कारण होने वाले जोखिमों से बचाती है. इसका मुख्य उद्देश्य भविष्य में संभावित मूल्य गिरावट से उत्पन्न होने वाले जोखिमों को कम करना है. बयान में कहा गया है कि किसान ऑप्शन ट्रेडिंग से भी लाभ उठा सकते हैं, जिससे उन्हें अनुकूल कीमतों पर लॉक करने की अनुमति मिलती है.

विश्व बैंक की सिफारिशों और परियोजना कार्यान्वयन ढांचे के आधार पर, कमोडिटी वायदा बाजार में भाग लेने के लिए किसानों और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए हेजिंग डेस्क की स्थापना की गई है. कृषि महाराष्ट्र के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 12 प्रतिशत का योगदान देती है, फिर भी फसल उत्पादन अभी भी प्रकृति पर बहुत अधिक निर्भर है.

3,000 से ज्‍यादा किसानों को मिलेगी ट्रेनिंग

सफल फसलों के बावजूद, किसानों के पास अक्सर अपनी उपज पर मूल्य नियंत्रण की कमी होती है. इस अनिश्चितता से निपटने के लिए, सरकार ने नीतियों, आधुनिक कृषि पद्धतियों और फसल बीमा योजनाओं के माध्यम से उनका समर्थन किया है. किसानों के व्यक्तिगत सीमित संसाधनों और बाजार ज्ञान को पहचानते हुए सरकार ने पुणे में एक समर्पित केंद्रीकृत कृषि हेजिंग डेस्क शुरू की है.

हेजिंग डेस्क कमोडिटी कॉन्‍ट्रैक्‍ट और जोखिम प्रबंधन रणनीतियों पर तकनीकी जानकारी देने के लिए एफपीओ और क्लस्टर-आधारित व्यवसाय संगठनों (सीबीबीओ) के साथ काम करेगी. 3,000 से अधिक किसानों को हेजिंग टूल और रणनीतियों में ट्रेनिंग दी जाएगी. यह डेस्क रुझानों, आपूर्ति-मांग में बदलाव और वैश्विक कीमतों पर रियलटाइम बाजार जानकारी देगी. 

रिपोर्ट तैयार करेगी हेजिंग डेस्‍क

यह पहल एफपीओ के माध्यम से खेतों के पास भंडारण केंद्र बनाने को भी बढ़ावा देगी. जोखिम प्रबंधन सेल विभिन्न प्रकार के जोखिमों का विश्लेषण करेगा और शमन रणनीति तैयार करेगा. यह कपास, मक्का और हल्दी के लिए वार्षिक कमोडिटी मूल्य जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट जारी करेगा. रिपोर्ट में वर्तमान अंतर्दृष्टि (Insight), पूर्वानुमान और नीति सिफारिशें शामिल होंगी. 

कमोडिटी डेरिवेटिव्स पर जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. इसके अतिरिक्त, कपास, मक्का और हल्दी के उत्पादन और मार्केटिंग में शामिल कम से कम 50 एफपीओ को रजिस्‍टर किया जाएगा और वायदा बाजार में व्यापार करने की सुविधा दी जाएगी. इस हेजिंग डेस्क की स्थापना के लिए एनसीडीईएक्स और स्मार्ट प्रोजेक्ट के बीच 8 अप्रैल, 2025 को एक औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे.

शुरू में इन जिलों के किसानों को होगा फायदा

पहल के तहत कपास, हल्दी और मक्का की खेती करने वाले क्षेत्रों, खासकर हिंगोली, वाशिम, सांगली, यवतमाल, अकोला, नांदेड़, अमरावती, छत्रपति संभाजीनगर और बीड में एफपीओ और किसानों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. इस परियोजना का मुख्यालय पुणे में है और पूरे राज्य में इसका संचालन शुरू हो चुका है. चुनिंदा कृषि वस्तुओं में हेजिंग और ऑप्‍शन ट्रेडिंग से महाराष्ट्र के किसानों को काफी लाभ मिलने की उम्मीद है.

उदाहरण के तौर पर बुवाई के समय भविष्य के बाजार मूल्यों के बारे में अनिश्चित किसान ऑप्‍शन ट्रेडिंग का इस्‍तेमाल करके कीमत को लॉक कर सकता है. बयान में कहा गया है कि यह न्यूनतम बिक्री मूल्य की गारंटी देता है, जिससे उन्हें बाजार की अस्थिरता से बचाया जा सकता है. आखिर में इससे किसानों को स्थिर आय हासिल करने, वित्तीय रूप से बेहतर योजना बनाने और कृषि में निवेश करने के बारे में अधिक आश्वस्त महसूस करने में मदद मिलती है.

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