Sugar Production:अच्‍छे मॉनसून के चलते चीन के उत्पादन में होगा 15 प्रतिशत का इजाफा 

Sugar Production:अच्‍छे मॉनसून के चलते चीन के उत्पादन में होगा 15 प्रतिशत का इजाफा 

Sugar Production: क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार चीनी उत्‍पादन में वृद्धि से घरेलू सप्‍लाई में चल रही तंगी में कमी आने की उम्मीद है. साथ ही इससे इथेनॉल डायवर्सन को बढ़ावा देने और सही नीति समर्थन के साथ निर्यात को फिर से जिंदा किया जा सकेगा. क्रिसिल की रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो इससे चीनी मिलों को गन्‍ने की उच्च लागत, इथेनॉल की कम कीमतों और निर्यात में कमी की चुनौतियों से कुछ राहत मिलेगी.

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Sugar Production:अच्‍छे मॉनसून के चलते चीन के उत्पादन में होगा 15 प्रतिशत का इजाफा Sugar Production: देश में इस बार चीनी का उत्‍पादन बढ़ने की संभावना

शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुकूल मॉनसून के चलते चीनी सत्र 2025-26 में चीनी उत्पादन 15 प्रतिशत बढ़कर लगभग 35 मिलियन टन होने की संभावना है. क्रिसिल रेटिंग्स ने रिपोर्ट में कहा कि भारत का ग्रॉस शुगर प्रॉडक्‍शन चीनी सत्र 2026 में 15 प्रतिशत बढ़कर लगभग 35 मिलियन टन होने की संभावना है, जिसमें औसत से अधिक मानसून, महाराष्‍ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में गन्ने की खेती और पैदावार में वृद्धि शामिल है. 

सप्‍लाई में मिलेगी राहत 

क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार चीनी उत्‍पादन में वृद्धि से घरेलू सप्‍लाई में चल रही तंगी में कमी आने की उम्मीद है. साथ ही इससे इथेनॉल डायवर्सन को बढ़ावा देने और सही नीति समर्थन के साथ निर्यात को फिर से जिंदा किया जा सकेगा. क्रिसिल की रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो इससे चीनी मिलों को गन्‍ने की उच्च लागत, इथेनॉल की कम कीमतों और निर्यात में कमी की चुनौतियों से कुछ राहत मिलेगी. वित्‍तीय वर्ष 2025 में इन मिलों की परिचालन  लाभप्रदता 200 आधार अंकों (बीपीएस) से घटकर 8.7-9 प्रतिशत रह गई. 

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2026 में सप्‍लाई में सुधार और गैसोलीन के साथ इथेनॉल मिश्रण के लिए चीनी के संभावित रूप से अधिक उपयोग के साथ, चीनी मिलों का ऑपरेशनल मार्जिन करीब 9-9.5 प्रतिशत तक बेहतर होने की संभावना है. इससे चीनी कंपनियों के क्रेडिट प्रोफाइल को समर्थन भी मिल सकता है जिस पर पिछले वित्त वर्ष में कुछ दबाव देखा गया था.  पिछले दो सत्रों में गन्‍ने की उचित और लाभकारी (एफआरपी) कीमत में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. लेकिन इथेनॉल की कीमतों में काफी हद तक कोई भी बदलाव नहीं हुआ है. इससे मिलर की राजस्व-लागत गतिशीलता कम हो गई है. 

मिलों को हो सकेगा फायदा 

रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सीजन 2026 में इथेनॉल के लिए डायवर्जन बढ़कर 4 मिलियन टन (चीनी सीजन 2025 में 3.5 मिलियन टन से) होने की उम्मीद है. इसे उच्च चीनी उत्पादन और सरकार के 20 प्रतिशत मिश्रण लक्ष्य (अब तक 19 प्रतिशत औसत हासिल) का समर्थन मिला हुआ है क्योंकि इसकी वजह से कैश फ्लो में तेजी आती है. क्रिसिल रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्‍टर अनुज सेठी ने कहा, 'इथेनॉल के लिए रणनीतिक विविधीकरण का मकसद चीनी मिलों की इनकम और कैश फ्लो रिस्‍क फ्री करना है. लेकिन गन्‍ने की बढ़ती लागत (चीनी सीजन 2026 के लिए गन्‍ने का एफआरपी 4.5 प्रतिशत बढ़ाकर 355 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है) और इथेनॉल खरीद की स्थिर कीमतों ने लाभप्रदता में सुधार को सीमित कर दिया है.' 

उन्‍होंने आगे कहा कि इसका परिणाम है कि चीनी उत्पादन में 15 प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद इंटीग्रेटेड मिलर्स का ऑपरेशनल  मार्जिन सिर्फ 40-60 बीपीएस से बढ़कर 9-9.5 प्रतिशत होने की संभावना है. डिस्टीलरी या सह-उत्पादन बिजली बिक्री की कमी वाले स्टैंडअलोन मिलर्स को मार्जिन दबाव का सामना करना पड़ सकता है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि चीनी की कीमतें सीमित दायरे में रहने की संभावना है क्योंकि उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद है. इससे चीनी मिलर्स की लाभप्रदता में कोई महत्वपूर्ण वृद्धि सीमित होगी. 

बढ़ेगा इथेनॉल का उत्‍पादन 

क्रिसिल रेटिंग्स का अनुमान है कि घरेलू सप्‍लाई से जुड़ी चिंताओं के चलते चीनी सीजन 2025 में 1 मिलियन टन तक सीमित निर्यात, चीनी सीजन 2026 में उच्च चीनी उत्पादन और 2 महीने की खपत के शुरुआती स्टॉक के साथ समान स्तर पर जारी रहने की संभावना है. निर्यात प्रतिबंधों में कोई भी ढील इथेनॉल के लिए अधिक मात्रा को मोड़ने के निर्णय, पर्याप्त घरेलू उपलब्धता, सौम्य मुद्रास्फीति के रुझान और चीनी सीजन 2023 में देखी गई अनुकूल वैश्विक मूल्य समानता पर निर्भर करेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि आगामी सीजन के लिए मॉनसून के अस्थायी और स्थानिक वितरण, गन्‍ने की पैदावार पर इसके प्रभाव, समय पर इथेनॉल मूल्य संशोधन और वैश्विक चीनी मूल्य आंदोलनों के बीच निर्यात नीति पर स्पष्टता पर नजर रखने की जरूरत है. 

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