बाजार में प्याज की गिरती कीमतों को देखते हुए गुजरात सरकार ने एक ऐसा ऐलान किया है जो बाकी राज्यों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है. गुजरात सरकार ने सोमवार को घोषणा की है कि वह प्रभावित किसानों को 200 रुपये प्रति क्विंटल, अधिकतम 50,000 रुपये तक की आर्थिक मदद मुहैया कराएगी. आपको बता दें कि देश में इस साल प्याज की कीमतें किसानों को रुला रही हैं. उत्तर से लेकर दक्षिण तक रसोई के लिए महत्वपूर्ण इस अहम चीज की कीमत काफी नीचे चल रही हैं. गुजरात के इस ऐलान के बाद निश्चित तौर पर पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र पर दबाव बढ़ गया है. महाराष्ट्र सबसे बड़ा प्याज उत्पादक है लेकिन वहां की सरकार ने अपने किसानों को मदद देने के लिए अब तक कोई ऐलान नहीं किया है.
गुजरात के प्याज किसानों को राहत देने वाली खबर का ऐलान कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने किया है. उन्होंने इस फैसले के बारे में बताया और कहा कि साल 2024-25 के दौरान गुजरात में करीब 93,500 हेक्टेयर में प्याज की बुवाई की गई जो सामान्य बुआई क्षेत्र से अधिक है. उनका कहना था कि राज्य में प्याज का उत्पादन अनुमानित 248.70 लाख क्विंटल तक पहुंच गया है. उन्होंने आगे कहा कि इस बंपर उत्पादन के कारण प्रमुख एपीएमसी में लाल और सफेद प्याज की कीमतें उत्पादन लागत से भी कम हो गई हैं. इस स्थिति में किसानों का समर्थन करने के लिए भारत सरकार की बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) को लागू किया जा रहा है.
मंत्री राघवजी पटेल के मुताबिक प्राइस डिफिशियंसी पेमेंट स्कीन के तहत आने वाली हस्तक्षेप भुगतान योजना के तहत किसानों को आर्थिक मदद दी जाएगी. 1 अप्रैल से 31 मई 2025 के बीच एपीएमसी में प्याज बेचने वाले किसानों को प्रति क्विंटल 200 रुपये मिलेंगे. प्रति किसान अधिकतम 250 क्विंटल (25,000 किलोग्राम) प्याज के लिए मदद सरकार की तरफ से किसानों को दी जाएगी जिसकी अधिकतम राशि 50,000 रुपये होगी. इस योजना का समर्थन करने के लिए राज्य सरकार ने 124.36 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. इससे पूरे गुजरात में करीब 90,000 किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है.
कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि प्याज के कम बाजार मूल्य के कारण किसानों और किसान संगठनों ने सरकार से मदद मांगी थी. उनकी चिंताओं पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए, राज्य ने उनकी सहायता के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है. इस योजना के तहत लाभ उठाने के लिए, योग्य किसानों को 1 जुलाई से 15 जुलाई, 2025 के बीच i-Khedut 2.0 पोर्टल के जरिये से ऑनलाइन अप्लाई करना होगा. इस योजना को कृषि विभाग के तहत बागवानी निदेशक द्वारा लागू किया जाएगा.
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