सस्ते पाम ऑयल के बावजूद क्यों बढ़ रही सोयाबीन तेल की बिक्री, SEA ने बताई रोचक वजह 

सस्ते पाम ऑयल के बावजूद क्यों बढ़ रही सोयाबीन तेल की बिक्री, SEA ने बताई रोचक वजह 

एसईए अध्यक्ष ने कहा कि पॉम ऑयल आयात जनवरी 2024 में 7.8 लाख टन की तुलना में जनवरी 2025 में घटकर केवल 2.75 लाख टन दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा कि उपभोक्ता तेजी से कम कीमत वाले दक्षिण अमेरिकी सोयाबीन तेल की ओर रुख कर रहे हैं.

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सस्ते पाम ऑयल के बावजूद क्यों बढ़ रही सोयाबीन तेल की बिक्री, SEA ने बताई रोचक वजह सोयाबीन ऑयल के विपरीत पाम ऑयल के आयात आंकड़े नीचे गिर गए हैं.

पाम ऑयल की कीमतों में लगातार गिरावट जारी है, इसके बावजूद भारतीय खरीदार सोयाबीन तेल को तरजीह दे रहे हैं. इसकी वजह ग्राहकों का सोयाबीन तेल की ओर रुझान बढ़ना बताया गया है. सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) ने कहा कि सोयाबीन ऑयल के विपरीत पाम ऑयल के आयात आंकड़े नीचे गिर गए हैं.

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अध्यक्ष संजीव अस्थाना ने कहा कि पिछले महीने पाम ऑयल की कीमतों में गिरावट के बावजूद सोयाबीन तेल भारतीय खरीदारों के लिए अधिक आकर्षक बना हुआ है. एसईए सदस्यों को शुक्रवार को लिखे अपने मासिक पत्र में उन्होंने कहा कि जनवरी 2025 में पाम ऑयल का आयात पिछले 13 वर्षों में सबसे कम रहा है. 

पॉम ऑयल सस्ता होने के बाद भी माग घटी 

एसईए अध्यक्ष ने कहा कि पॉम ऑयल आयात जनवरी 2024 में 7.8 लाख टन की तुलना में जनवरी 2025 में घटकर केवल 2.75 लाख टन दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा कि भारत में पाम ऑयल की बाजार हिस्सेदारी मे तेजी से गिरावट देखी जा रही है. उन्होंने कहा कि उपभोक्ता तेजी से कम कीमत वाले दक्षिण अमेरिकी सोयाबीन तेल की ओर रुख कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि निर्यात आपूर्ति कम होने के चलते मलेशियाई पाम ऑयल निर्यात में भी गिरावट आई है. पिछले महीने पाम ऑयल की कीमत में 80-100 डॉलर प्रति टन की गिरावट आई है. इसके बावजदू खरीदारों के लिए सोया ऑयल अधिक आकर्षक बना हुआ है. क्योंकि, ग्राहकों के बीच इसकी मांग बढ़ी है. 

ऑयल कीमतों में तेज गिरावट 

एसईए के आंकड़ों से पता चला है कि आरबीडी पामोलिन की सीआईएफ कीमत दिसंबर में 1236 डॉलर प्रति टन से घटकर जनवरी में 1126 डॉलर प्रति टन हो गई है. जबकि, कच्चे पाम तेल (सीपीओ) की कीमत दिसंबर में 1270 डॉलर से घटकर जनवरी में 1170 डॉलर हो गई है. इस बीच कच्चे सोयाबीन तेल की सीआईएफ कीमत दिसंबर में 1123 डॉलर प्रति टन से घटकर जनवरी में 1118 डॉलर हो गई.

सोया आयल आयात में भारी बढ़ोत्तरी 

ऑयल वर्ष 2024-25 (नवंबर से अक्टूबर) की पहली तिमाही में पाम तेल का आयात सीपीओ और आरबीडी पामोलिन सहित घटकर 16.17 लाख टन रह गया है, जो पहले 25.46 लाख टन था. अध्यक्ष ने कहा कि ऑयल वर्ष 2024-25 के नवंबर-जनवरी के दौरान सोयाबीन तेल का आयात बढ़कर 12.7 लाख टन हो गया है, जो पहले तक केवल 4.91 लाख टन ही था.

खली निर्यात में गिरावट 

अध्यक्ष ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के पहले 10 महीनों के लिए रेपसीड मील (खली) और कैस्टरसीड मील के निर्यात में कमी के चलते ऑयलमील का कुल निर्यात 39.7 लाख टन से घटकर 36 लाख टन रहा. उन्होंने कहा कि मक्का और अनाज से इथेनॉल उत्पादन पर सरकार के जोर ने सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन इंडस्ट्री की चुनौतियां बढ़ाई हैं, क्योंकि सूखे डिस्टिलर ग्रेन सॉलिड्स (DDGS) के अत्यधिक उत्पादन से ऑयलमील की मांग कम हो जाती है.

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