Digital Agriculture: डिजिटल कृषि में बड़ी उपलब्धि; महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर के बीच शुरू हुआ पहला eNAM व्यापार

Digital Agriculture: डिजिटल कृषि में बड़ी उपलब्धि; महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर के बीच शुरू हुआ पहला eNAM व्यापार

Digital Agriculture: जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र के बीच राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) के तहत पहला अंतरराज्यीय व्यापार इस सप्ताह पुणे पहुंचा. दरअसल, कश्मीर से 11 मीट्रिक टन सेब और नाशपाती लेकर एक ट्रक पुणे स्थित गुलटेकड़ी एपीएमसी पहुंचा है, जो एक केंद्रीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से राज्यों की कृषि मंडियों के एकीकरण में एक मील का पत्थर साबित हुआ.

Advertisement
डिजिटल कृषि में बड़ी उपलब्धि; महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर के बीच शुरू हुआ पहला eNAM व्यापारजम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र के बीच पहला अंतरराज्यीय व्यापार

डिजिटल इंडिया अब डिजिटल कृषि में भी नई क्रांति कर रहा है. खबर है कि जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र के बीच राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) के तहत पहला अंतरराज्यीय व्यापार इस सप्ताह पुणे पहुंचा है. बता दें कि घाटी से 11 मीट्रिक टन सेब और नाशपाती लेकर एक ट्रक पुणे स्थित गुलटेकड़ी मंडी पहुंचा. ये एक केंद्रीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से राज्यों की कृषि मंडियों के एकीकरण में एक मील का पत्थर साबित हुआ. भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए ई-नाम प्लेटफॉर्म का उद्देश्य देश भर के एपीएमसी (मंडी) को जोड़कर कृषि उपज के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाना है.

महाराष्ट्र के नाम सबसे पहली उपलब्धि

खास बात ये है कि महाराष्ट्र इस डिजिटल बदलाव को सबसे पहले अपनाने वाले राज्यों में से एक बन गया है. इस उपलब्धि तो लेकर महाराष्ट्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड के संयुक्त निदेशक विनायक कोकरे ने कहा, "भारत सरकार की ई-नाम योजना के तहत, हमने महाराष्ट्र के 133 एपीएमसी को जोड़ा है." कोकरे ने इस योजना के पीछे के व्यापक दृष्टिकोण पर ज़ोर देते हुए कहा, "हम एपीएमसी व्यापारियों से ई-नाम के तहत ज़्यादा से ज़्यादा व्यापार करने की अपील करते हैं... इससे अच्छी क़ीमतें मिलेंगी, गुणवत्ता सुनिश्चित होगी, और व्यापार और लेन-देन सभी पारदर्शी होंगे."

'किसानों और व्यापारियों के लिए क्रांतिकारी कदम'

न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए, इस ऐतिहासिक व्यापार का हिस्सा रहे सेब व्यापारी सुयोग ज़ेंडे ने ई-नाम को किसानों और व्यापारियों, दोनों के लिए एक क्रांतिकारी कदम बताया. ज़ेंडे ने बताया, "यह प्रधानमंत्री मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का ड्रीम प्रोजेक्ट है. यह व्यापार जारी रहना चाहिए और यह ऑनलाइन होना चाहिए... इससे किसानों को पूरे भारत के सरकारी सत्यापित व्यापारी मिलेंगे और वह भी पारदर्शिता के साथ." उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रणाली से व्यापारियों को क्या लाभ होगा, उन्होंने कहा कि व्यापारियों को भी इससे लाभ होगा क्योंकि इससे यात्रा लागत और समय की बचत होगी."

ई-नाम डिजिटल पोर्टल की खासियत

खास बात ये है कि ई-नाम (eNAM) की डिजिटल व्यवस्था के माध्यम से, दूर-दराज के क्षेत्रों के किसान और व्यापारी अब पारंपरिक बाधाओं, बिचौलियों और अक्षमताओं से बच निकलने में सक्षम हैं. जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र के बीच यह हालिया व्यापार भारत में कृषि-बाज़ारों के संचालन में एक बड़े बदलाव को दर्शाता है, जो भारत के कृषि-तकनीकी बुनियादी ढांचे में बढ़ती परिपक्वता की ओर इशारा करता है. अधिक कृषि विपणन समितियों (APMC) के इस प्रणाली से जुड़ने और हितधारकों द्वारा इसके लाभों को पहचानने के साथ, पारदर्शी, निष्पक्ष और कुशल कृषि-बाज़ारों की दिशा में सरकार का प्रयास गति पकड़ता दिख रहा है.

(सोर्स- ANI)

ये भी पढ़ें-
अमेरिकी दबाव के खिलाफ पीएम मोदी पर किसानों ने जताया भरोसा, कृषि बाजार खोलने पर कही ये बात
ओडिशा में भाजपा के खिलाफ रोष में बीजद, कहा "किसानों के हितों के खिलाफ काम कर रही सरकार"
 

POST A COMMENT