आंध्र प्रदेश कृषि विभाग की 3 लैब्स को NABL ने दी मान्यता, उर्वरकों और कीटनाशकों के रासायनिक विश्लेषण में योगदान

आंध्र प्रदेश कृषि विभाग की 3 लैब्स को NABL ने दी मान्यता, उर्वरकों और कीटनाशकों के रासायनिक विश्लेषण में योगदान

आंध्र प्रदेश के कृषि विभाग ने उर्वरकों और कीटनाशकों के रासायनिक विश्लेषण के लिए अपनी सुविधाओं को बढ़ाने में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. गुणवत्ता आश्वासन मानकों के लिए आंध्र प्रदेश कृषि विभाग की 3 प्रयोगशालाओं को एनएबीएल ने मान्यता दी है. इन प्रयोगशालाओं ने अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उच्च-मानक गुणवत्ता परीक्षण करने में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है.

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आंध्र प्रदेश कृषि विभाग की 3 लैब्स को NABL ने दी मान्यता, उर्वरकों और कीटनाशकों के रासायनिक विश्लेषण में योगदानराष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (NABL)

आंध्र प्रदेश कृषि विभाग की तीन प्रयोगशालाओं को राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (NABL) से मान्यता प्राप्त हुई है. यह मान्यता उर्वरकों और कीटनाशकों के रासायनिक विश्लेषण में उनकी क्षमताओं को बढ़ाती है. बापटला में उर्वरक नियंत्रण प्रयोगशाला, नेल्लोर में जैव एवं जैविक उर्वरक गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला और कुरनूल में कीटनाशक परीक्षण प्रयोगशाला को NABL की ओर से मान्यता मिली है.

अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप परीक्षण

आंध्र प्रदेश कृषि विभाग के निदेशक दिली राव ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा, "कृषि विभाग ने उर्वरकों और कीटनाशकों के रासायनिक विश्लेषण के लिए अपनी सुविधाओं को बढ़ाने में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है, एनएबीएल ने नेल्लोर, बापटला और कुरनूल में स्थित प्रयोगशालाओं को प्रतिष्ठित मान्यता प्रदान की है." उन्होंने कहा कि यह मान्यता गुणवत्ता आश्वासन मानदंडों का पालन सुनिश्चित करती है. इन प्रयोगशालाओं ने अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उच्च-मानक गुणवत्ता परीक्षण करने में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है.

लैब की क्षमताओं पर किसानों का बढ़ेगा विश्वास

निदेशक दिली राव ने कहा कि एनएबीएल मान्यता से कृषि इनपुट की विश्वसनीयता में किसानों का विश्वास बढ़ेगा और इस क्षेत्र में बेहतर गुणवत्ता आश्वासन प्रथाओं में योगदान मिलेगा. आंध्र प्रदेश कृषि विभाग की तीन प्रयोगशालाओं को ये मान्यता मिलने से स्थानीय परीक्षण और अंशांकन प्रथाओं को अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप बनाता है. इससे किसानों को कृषि आदानों की सुरक्षा और प्रभावशीलता पर अधिक विश्वास मिलेगा. दिली राव ने बापटला, नेल्लोर और कुरनूल स्थित प्रयोगशाला टीमों के समर्पित प्रयासों का श्रेय दिया और कहा कि यह मान्यता कृषि पद्धतियों में वैज्ञानिक सत्यापन को और मज़बूत करेगी.

राष्ट्रीय स्तर पर कृषि-गुणवत्ता में अग्रणी हुआ आंध्र प्रदेश

NABL से मान्यता मिलने के बाद आंध्र प्रदेश न केवल अपने किसानों की सुरक्षा करता है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर कृषि-गुणवत्ता नियंत्रण में अग्रणी के रूप में उभरने की स्थिति में भी पहुंच गया है. दिली राव ने कहा कि यह मान्यता आंध्र प्रदेश सरकार के लिए गर्व की बात है.

इन प्रयोगशालाओं को ISO/IEC 17025:2017 मानकों के अंतर्गत मान्यता प्राप्त हुई है:

  1. उर्वरक नियंत्रण प्रयोगशाला (FCO लैब)
  2. बापटला जैव एवं जैविक उर्वरक गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला (BOFQCL)
  3. नेल्लोर कीटनाशक परीक्षण प्रयोगशाला (PTL) कुरनूल

आंध्र प्रदेश कृषि विभाग के निदेशक, दिली राव ने इस बात पर जोर देकर कहा कि यह मान्यता एक बड़े मिशन की शुरुआत है. सरकार एक समान गुणवत्ता नियंत्रण व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए राज्यभर की सभी कृषि प्रयोगशालाओं को चरणबद्ध तरीके से एनएबीएल मान्यता के अंतर्गत लाने के लिए प्रतिबद्ध है.

NABL की मान्यता के मायने

दरअसल, एनएबीएल भारतीय गुणवत्ता परिषद का एक घटक बोर्ड है जो भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के तहत स्थापित एक स्वायत्त निकाय है. एनएबीएल विज्ञान और इंजीनियरिंग के सभी प्रमुख क्षेत्रों में मान्यता प्रदान करता है, जैसे परीक्षण सुविधाओं के तहत जैविक, रासायनिक, विद्युत, इलेक्ट्रॉनिक्स, यांत्रिक, द्रव-प्रवाह, गैर-विनाशकारी, फोटोमेट्री, रेडियोलॉजिकल, थर्मल और फोरेंसिक विषयों और अंशांकन सुविधाओं के तहत इलेक्ट्रो-तकनीकी, यांत्रिक, द्रव प्रवाह, थर्मल, ऑप्टिकल और रेडियोलॉजिकल जैसे विषय.

यही वजह है कि एनएबीएल की मान्यता विभिन्न सरकारी निकायों और नियामकों द्वारा मान्यता प्राप्त है. भारत में, एनएबीएल मान्यता आमतौर पर विभिन्न सरकारी/नियामक/वैधानिक निकायों की मान्यता का अग्रदूत होती है.

(सोर्स- PTI)

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