सोयाबीन भारत की एक महत्वपूर्ण फसल है. इसे पीला सोना के नाम से भी जाना जाता है. सोयाबीन का इस्तेमाल कई चीजों में किया जाता है. इससे तेल भी निकाला जाता है. इसके अलावा सोयाबीन से सोया बड़ी, सोया दूध, सोया पनीर आदि खाद्य सामग्री भी बनाई जाती है. ये खरीफ सीजन की महत्वपूर्ण सोयाबीन तिलहन फसलों में आता है. सोयाबीन का उत्पादन भारत के लगभग सभी राज्यों होता है. साथ ही सोयाबीन खाने के कई फायदे भी हैं. लोग शरीर में प्रोटीन की कमी को बरकरार रखने के लिए खाते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं सोयाबीन को गोल्डन बीन क्यों कहते हैं. साथ ही जानते हैं इसके 5 बड़े फायदे.
सोयाबीन पोषक तत्वों से भरपूर और पोषण की खान के रूप में जाना जाता है, इसलिए इसे सुनहरे बीन यानी गोल्डन बीन की उपाधि दी गई है. इसमें अधिक मात्रा में प्रोटीन होने के कारण इसका पोषक मान बहुत अधिक होता है, जो शरीर निर्माण के लिए आवश्यक अमीनो प्राप्त होता है. यही वजह है कि इसे पीला सोना या गोल्डन बीन के नाम से जाना जाता है.
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1. सोयाबीन को गोल्डन बीन के नाम से जाना जाता है. वहीं सोयाबीन अपने स्वास्थ्य लाभों के कारण दुनिया में पसंदीदा खाद्य पदार्थों में शामिल किया जाता है.
2. सोयाबीन में उच्च क्वालिटी वाले प्रोटीन की उपलब्धता 50 प्रतिशत के अलावा अमीनो अम्ल, वसा, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, ओमेगा-3, ओमेगा-6 फैटी एसिड जैसे लाभकारी तत्व से भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं.
3. सोयाबीन में अन्य अनाज की तुलना में अधिक विटामिन, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं
4. सोयाबीन से बने उत्पाद जैसे, सोया मिल्क, सोया नट्स, स्प्राउट्स और सोया सॉस को भोजन में शामिल करने से डायबिटीज, हृदय रोग, स्ट्रोक और कैंसर जैसे बीमारियों के जोखिम को कम करता है.
5. आज के समय में मोटापा एक बड़ी और गंभीर समस्या बनते जा रहा है. मोटापे की वजह से शरीर अन्य बीमारियां भी होने लगती हैं. मोटापा कम करने के लिए रोजाना भिगोया सोयाबीन खाना फायदेमंद होता है. इसका सेवन करने से शरीर को प्रोटीन मिलता है और इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर में फैट बर्निंग प्रोसेस को तेज करता है.
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