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रजनीगंधा से कमाई बढ़ाने के लिए ऐसे करें कटाई, फूलों को पानी भरी बाल्टी में रखना न भूलें

रजनीगंधा से कमाई बढ़ाने के लिए ऐसे करें कटाई, फूलों को पानी भरी बाल्टी में रखना न भूलें

रजनीगंधा के फूलों से बहुमूल्य सुगंधित तेल भी तैयार किया जाता है. इनके फूलों और उनसे बनी सामग्रियों की मांग देश-विदेश में बहुत ज्यादा है. जिसके कारण बाजार में रजनीगंधा के फूलों की भारी मांग है. रजनीगंधा के डंठल वाले (कटे हुए) फूलों का उपयोग गुलदस्ते बनाने और घरों को सजाने के लिए किया जाता है.

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Rajnigandha Farming Rajnigandha Farming

रजनीगंधा अपने मनमोहक सुगंधित फूलों के कारण काफी लोकप्रिय है. इसके फूल कई दिनों तक ताजे रहते हैं. फूलों का उपयोग मुख्य रूप से गुलदस्ते और माला बनाने में, महिलाओं के बालों में, घर के बगीचों और गमलों आदि में किया जाता है. रजनीगंधा के फूलों से बहुमूल्य सुगंधित तेल भी तैयार किया जाता है. इनके फूलों और उनसे बनी सामग्रियों की मांग देश-विदेश में बहुत ज्यादा है. जिसके कारण बाजार में रजनीगंधा के फूलों की भारी मांग है. रजनीगंधा के डंठल वाले (कटे हुए) फूलों का उपयोग गुलदस्ते बनाने और घरों को सजाने के लिए किया जाता है. इसके अलावा इससे माला, गजरा, लारी और सुगंधित तेल तैयार किया जाता है. इसके फूल और सुगंधित तेल की खाड़ी देशों में काफी मांग है. ऐसे में अगर आप भी रजनीगंधा से कमाई करना चाहते हैं तो इसकी कटाई का सही तरीका आपको आज हम बताएंगे. क्या है वो तरीका आइए जानते हैं. 

इस फूल की खेती के लिए रोशनी वाली जगह बेहतर है, लेकिन गर्मी के दिन में 12 बजे के बाद थोड़ी छाया की भी जरूरत होती है. इसे उन जगहों पर नहीं लगाना चाहिए जहां पानी लंबे समय तक जमा रहता हो. रजनीगंधा के लिए दोमट एवं रेतीली मिट्टी जिसका पीएच मान 6.5-7.5 के बीच हो, अधिक उपयुक्त होती है.

कैसे करें खेत की तैयारी

शुरुआत में खेत की जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए. उसके बाद कल्टीवेटर या देशी हल से 3-4 बार जुताई करनी चाहिए. प्रत्येक जुताई के बाद संघनन के कारण मिट्टी भुरभुरी हो जाती है. आखिरी जुताई के समय खाद की पूरी मात्रा खेत में मिलाकर क्यारी बना लेनी चाहिए.

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इस फूल को लगाने का सही समय

कंद रोपण के लिए मार्च-अप्रैल का महीना उपयुक्त समय है. 30-60 ग्राम वजन और 2 सेमी व्यास वाले कंद रोपण के लिए सर्वोत्तम पाए गए हैं. कंदों को ब्लाइटॉक्स नामक औषधि से उपचारित करने के बाद कुछ समय बाद एक किस्म के कंदों को पौधे से पौधे की दूरी 15-20 सेमी तथा लाइन से लाइन की दूरी 20-30 सेमी तथा दोहरी किस्म के कंदों की रोपाई करनी चाहिए. पौधे से पौधे की दूरी 20 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 5 सेमी रखें. की गहराई पर लगाना चाहिए.

कैसे करें फूलों की कटाई

कंद लगाने के 110 दिन बाद फूल आना शुरू हो जाता है. यदि फूलों को माला, गजरा या वेणी के लिए तोड़ना हो तो उन्हें सुबह या शाम के समय तोड़ना चाहिए. कटे हुए फूलों के रूप में 50 या 100 स्पाइक्स के बंडल बनाकर बाजार में भेजे जाते हैं. यदि आप इसे दूर भेजना चाहते हैं, तो स्पाइक के सबसे निचले फूल को खिलने से पहले काट लें. लेकिन जब बाज़ार नजदीक हो तो 2-3 फूल खिलने पर कटाई करें. स्पाइक की लंबाई जितनी लंबी होगी, बाजार में कीमत उतनी ही अधिक होगी. इसलिए डंठलों को तेज चाकू से जमीन के पास से काटकर 3-4 इंच की प्लास्टिक की बाल्टी में पानी भरकर रखना चाहिए. इससे फूल लंबे समय तक ताजा रहता है और बाजार में इसकी मांग भी बनी रहती है.