इंसानों को अगर अपने अंदर किसी भी तरह की परेशानी नज़र आती है तो वो सबसे पहले डॉक्टर के पास जाते हैं और बीमारी का पता लगाते हैं. कई बार इंसानों की तबीयत इतनी खराब हो जाती है कि उनके लिए एंबुलेंस बुलानी पड़ती है. आपने रास्ते में कई एंबुलेंस देखी होगी. लेकिन आपको बता दें कि अब इंसानों के अलावा मार्केट में ट्री एंबुलेंस भी आ गई है. जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि ये एंबुलेंस बीमार पेड़ों के लिए बनाई गई है. आइए जानते हैं इस एंबुलेंस की क्या खासियत है.
पेड़ हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं. पर्यावरण को व्यवस्थित और साफ रखने में पेड़ों की अहम भूमिका होती है. पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए पेड़ों की देखभाल करना बहुत जरूरी है. लेकिन उचित देखभाल के अभाव और कीटों व बीमारियों के संक्रमण और मुख्य तने में खोखलेपन के कारण कई पेड़ कम उम्र में ही मर जाते हैं. इसी कड़ी में नई दिल्ली नगर पालिका परिषद द्वारा 'ट्री एंबुलेंस' के माध्यम से पेड़ों को मरने से बचाने का प्रयास किया जा रहा है. ट्री एंबुलेंस के माध्यम से फंगस और कीटों से ग्रसित पेड़ों का उपचार किया जा रहा है. नगर पालिका परिषद द्वारा यह सेवा लुटियन दिल्ली क्षेत्र में दी जा रही है. नगर पालिका परिषद की यह ट्री एंबुलेंस नई तकनीक और सभी जरूरी उपकरणों से लैस है.
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इस एंबुलेंस में जेटिंग पंप और हाई प्रेशर पंप भी लगाए गए हैं. इसके अलावा इस एंबुलेंस पर कीटनाशक, फफूंदनाशक और फफूंदनाशक से पेड़ों को बचाने की व्यवस्था की गई है. लुटियन दिल्ली हरियाली से भरपूर क्षेत्रों में शामिल है. इस इलाके में करीब 1,80,000 पेड़ हैं. इनमें से कई पेड़ लंबे समय तक रहने के कारण तने से खोखले हो चुके हैं.
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ऐसे पेड़ों को बीमारियों और कीटों से बचाने के लिए खोखले तनों के अंदर कंक्रीट और लोहे की छड़ें भरकर उपचार किया जा रहा है. खराब पेड़ों पर सर्जरी करते समय पेड़ के खराब हिस्से को हटाकर साफ किया जाता है. इसके बाद उस हिस्से को कीटनाशक या फफूंदनाशक लगाकर भर दिया जाता है. पेड़ के प्रभावित हिस्से पर पतली लोहे की जाली लगाई जाती है और बारिश से बचाने के लिए पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) का इस्तेमाल किया जाता है.
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