SFAC: ई-नाम ने खत्म की ब‍िचौल‍ियों की भूम‍िका, खुद ट्रेड कर रहे क‍िसान...म‍िल रहा अच्छा दाम

SFAC: ई-नाम ने खत्म की ब‍िचौल‍ियों की भूम‍िका, खुद ट्रेड कर रहे क‍िसान...म‍िल रहा अच्छा दाम

SFAC: लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (SFAC) द्वारा ई-नाम मंडी/e-NAM Mandis प्लेटफॉर्म को मजबूत करने का काम किया जा रहा है. वहीं ई-नाम मंडी प्लेटफॉर्म पर देश के अलग-अलग राज्य के किसानों को एक उचित मंडी मिल रही है जिसमें उनके फसल के एवज में उचित रकम भी मिल रहा है.

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SFAC: ई-नाम ने खत्म की ब‍िचौल‍ियों की भूम‍िका, खुद ट्रेड कर रहे क‍िसान...म‍िल रहा अच्छा दाम राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना (ई-नाम मंडी) क्या है?, सांकेतिक तस्वीर

मौजूदा वक्त में देश के पढ़े-लिखे युवा भी कृषि क्षेत्र के प्रति आकर्षित हो रहे हैं. वहीं कृषि क्षेत्र में प्रवेश के लिए सरकार विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों और संस्थानों के माध्यम से इन्हें लगातार प्रोत्साहित भी कर रही है. इन्हीं संस्थानों में से एक लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (SFAC) भी है. एसएफएसी द्वारा किसान उत्पादक संगठनों (FPO) को अधिक सक्षम एवं मजबूत बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम जैसे कि पेशेवर प्रशिक्षण, दिल्ली किसान मंडी, ई-नाम मंडी/eNAM, एफपीओ-क्रेता ई-इंटरफेस पोर्टल एवं मूलभूत ढांचों के सशक्तिकरण इत्यादि काम किया जा रहा है.

वहीं, ई-नाम मंडी प्लेटफॉर्म पर देश के अलग-अलग राज्य के किसानों को एक उचित मंडी मिल रही है जिसमें उनके फसल के एवज में उचित रकम भी मिल रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें कोई बिचौलिया भी नहीं होता है. यही वजह है कि किसान भी अपनी उपज को eNAM प्लेटफॉर्म पर बेचने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. 21 जुलाई को e-NAM Mandis प्लेटफॉर्म के माध्यम से ओडिशा में 50875 रुपये का 10.66 क्विंटल बैंगन, टमाटर और लौकी का उदला मंडी से बारीपदा तक व्यापार किया गया था.

ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना (ई-नाम मंडी) क्या है, और यह किसानों के लिए कैसे कारगर प्लेटफॉर्म है- 

राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना (ई-नाम मंडी) क्या है?

ई-नाम पोर्टल/E-NAM Portal एक इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल है जो पूरे देश के किसानों को 585 से भी अधिक मंडियों में अपने अनाज या उगाए गए फसलों को बेचने का बाजार उपलब्ध कराता है. ई-नाम पूरे देश में एग्री मार्केटिंग कमेटी को एक नेटवर्क से जोड़ने का काम करता है. इसका एकमात्र मकसद एग्रीकल्चर प्रोडक्ट के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक उचित बाजार उपलब्ध करवाना है जिसमें किसानों को उनकी फसल की एवज में सही रकम मिल सके. ई-नाम पोर्टल के इसी विशेषता को देखते हुए देशभर के किसान इस पोर्टल पर बहुत ही तेजी से जुड़ रहे हैं.

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ई-नाम पोर्टल से किसानों का फायदा

•    देश के अलग-अलग राज्य के किसानों को एक उचित मंडी मिलती है जिसमें उनके फसल के एवज में एक उचित रकम मिलता है.
•    किसान अपनी फसल ऑनलाइन माध्यम से बेच पाते हैं.
•    किसानों और खरीदारों के बीच कोई बिचौलिया नहीं रहेगा. 
•    किसानों को उनकी फसल के एवज में एक उचित मूल्य मिलेगा जिससे आय में भी बढ़ोतरी होगी.

ई-नाम पर रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी दस्तावेज 

आधार कार्ड, पहचान पत्र (ओटर आईडी, पासपोर्ट), बैंक खाता संख्या, पासपोर्ट साइज फोटो

ई-नाम पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 

•    सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.
•    फिर रजिस्ट्रेशन विकल्प पर क्लिक करें.
•    इसके बाद मांगी गई जानकारीयां भरें.
•    जानकारी भरने के बाद मांगे गए दस्तावेज़ अपलोड करें .
•    कैप्चा कोड भरकर सबमिट बटन को दबा दें.
नोट: अधिक जानकारी के लिए लिंक पर विजिट करें.

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