देश में ज्यादातर खेती आज भी मौसम के मिज़ाज पर ही टिकी है. प्राकृतिक आपदा की वजह से फसल और उपज दोनों को नुकसान होता है .फसलों को बाढ़ या फिर सूखे या कभी असमय बारिश और ओला के हालात से किसानों को जूझना पड़ता है. मौसम की मार से फसल खराब हो जाए तो किसान कहीं का नहीं रहता. ऐसे में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए बड़े काम की चीज़ हो सकती है. 13 जनवरी 2016 को केन्द्र सरकार ने किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के रूप में एक बड़ा राहत दिया था. चूकि अब खरीफ सीजन चल रहा है, तो इस सीजन में भी PMFBY के तहत अपनी फसलों का आप बीमा करा सकते हैं और फसल के नुकसान होने पर लाभ ले सकते हैं.
केन्द्र सरकार की तरफ से चलाई जा रही PMFBY में प्रीमियम राशि कम होने के कारण बहुत से किसान आज इस योजना का लाभ उठा रहे हैं. प्राकृतिक आपदा की वजह से फसल की उपज में नुकसान होता है. इससे किसानों को बचाने के लिए अलग अलग फ़सलों को इस योजना के तहत कवर किया जाता है. PMFBY में किसानों पर प्रीमियम का बोझ कम है, ताकि किसान किस्तें आसानी से भर सकें. इसमें कई फायदे हैं.
1-बीमित किसान अगर प्राकृतिक आपदा के कारण बोनी नहीं कर पाता,तो यह जोखिम भी शामिल है, उसे दावा राशि मिलती है.
2-इस योजना में सभी खाद्य फसलें, तिलहन, वार्षिक व्यावसायिक या साग सब्जी का बीमा होता है. महज 33 फीसदी फसल नष्ट होने पर ही फसल का बीमा मिलता है.
3-ओला, जलभराव और लैंड स्लाइड जैसी आपदाओं को स्थानीय आपदा माना जाता है. PMFBY में इसे स्थानीय हानि मानकर केवल प्रभावित किसानों का सर्वे कर उन्हें दावा राशि दी जाती है.
4-इस योजना में पोस्ट हार्वेस्ट नुकसान भी शामिल किया गया है. फसल कटने के 14 दिन तक यदि फ़सल खेत में है और उस दौरान कोई आपदा आ जाती है, तो किसानों को दावा राशि मिलती है.
5-दूसरे की जमीन पर खेती कर रहे किसानों को भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ मिलता है.
6-इस योजना में टैक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है और फसल कटाई/नुकसान का आकलन जल्द और सही हो सके और किसानों को दावा राशि जल्द मिल सके, इसके लिए रिमोट सेंसिंग माध्यम का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.
7-PMFBY के तहत सभी किसानों की फसलों का बीमा किया जाता है और PMFBY से प्रभावित किसानों को 2 लाख रुपये तक का मुआवजा मिलता है.
8- किसान के हिस्से से अधिक प्रीमियम लागत को राज्यों और भारत सरकार द्वारा समान रूप से सब्सिडी दी जाती है.
9- PMFBY में शामिल योजनाओं के तहत प्रति हेक्टेयर औसत बीमित राशि 40,700 रुपये है.
10-इस योजना के लिए रबी फसल के लिए 1.5 फीसदी और खरीफ फसल के लिए 2 फीसदी और वाणिज्यिक एवं उद्यानिकी फसलों के लिए 5 फीसदी राशि निर्धारित है.
खरीफ फसलों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2023 है, जिसमें एकमुश्त और गैर कर्जदार, दोनों तरह के किसान आवेदन कर सकते हैं.
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आवेदन करने की दो प्रक्रियाएं हैं. जो ऋणी किसान हैं, उन्हें अलग-अलग तरीकों का पालन करना होगा और जो कर्जदार किसान नहीं हैं, उनके लिए अलग-अलग तरीके हैं.
कर्जदार किसान सरकारी बीमा कंपनी नेशनल इंश्योरेंस के अनुसार, सभी किसान क्रेडिट कार्ड धारक और फसली ऋण लेने वाले किसान अपने नजदीकी सरकारी या निजी सहकारी बैंक से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं.
जिन किसानों ने अभी तक खेती के लिए किसी प्रकार का ऋण नहीं लिया है, वे इसके लिए सीधे जन सुविधा केंद्र या बीमा पोर्टल से आवेदन कर सकते हैं. fasal bima online अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ के लिए आवेदन जन सुविधा केंद्र के माध्यम से किया जा रहा है. आवेदन में अपनी ज़मीन का खाता-खेसरा, आधार कार्ड, बैंक पासबुक के साथ ही फ़सल की डिटेल देनी होती है. जिसके आधार पर बैंक में फसल का बीमा हो जाएगा.
अनाज, दलहन और तिलहन सहित खाद्यान्न और वार्षिक बागवानी और वाणिज्यिक फसलें है. खरीफ मौसम में धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, उड़द, मूंग, मूंगफली, तिल, सोयाबीन व अरहर जैसी फसल की बीमा कराके प्राकृतिक आपदा की वजह से फसल के नुकसान के आर्थिक बोझ को कम कर सकते हैं.
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