पंजाब के किसान अब तक मुश्किल में (फाइल फोटो)पूरा देश जानता है कि इस बार पंजाब ने कितनी भीषण बाढ़ का सामना किया और राज्य के किसानों को किस कदर नुकसान उठाना पड़ा है. लेकिन अब जो एक बात और सामने आई है उसके अनुसार किसानों को इस वजह से भी ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा क्योंकि राज्य ने अभी तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) को लागू नहीं किया है. खुद कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की तरफ से यह दावा किया गया है.
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में बताया कि पंजाब ने अभी तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) लागू नहीं की है. उनका कहना था कि सरकार अगर यह योजना समय पर लागू हो जाती तो राज्य में हाल की बाढ़ से प्रभावित किसानों को काफी राहत मिल सकती थी. प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए चौहान ने कहा कि साल 2014 और 2024 के बीच पूरे देश में कृषि उत्पादन में रिकॉर्ड 44 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
उन्होंने इस बढ़ोतरी का श्रेय आधुनिक तकनीक अपनाने, बेहतर सिस्टम और प्रति हेक्टेयर फसल की पैदावार बढ़ाने के साथ-साथ इनपुट लागत कम करने के लिए सरकार के लगातार समर्थन को दिया. फसल बीमा के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल खराब होने पर किसानों के लिए सुरक्षा कवच का काम करती है. हालांकि, उन्होंने बताया कि पंजाब ने अभी तक इस योजना को नहीं अपनाया है, जिससे बाढ़ जैसी आपदाओं के दौरान किसान इसके फायदों से वंचित रह जाते हैं.
कृषि मंत्री ने यह बात उस समय कही जब वह AAP सांसद संत बलबीर सिंह की तरफ से उनसे इससे जुड़ा सवाल पूछा गया था. कृषि मंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले ही पंजाब के मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर राज्य सरकार से PMFBY को जल्द से जल्द लागू करने की अपील की है ताकि फसल खराब होने पर किसानों को पर्याप्त सुरक्षा और मुआवजा मिल सके. कुछ समय पहले तक खबरें थीं कि पंजाब के किसानों को भी फसल बीमा का फायदा मिलेगा लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है. इसका सबसे बड़ा खामियाजा पंजाब के उन किसानों को उठाना पड़ रहा है, जिनकी फसलें चौपट हो चुकी हैं.
इस साल सितंबर में खबरें आई थीं कि कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद फसल बीमा के कुछ नियमों में ढील देने का वादा किया था. मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से तब कहा गया था कि एक अधिकारी ने बताया था, 'बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेने के दौरान, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य से अपने फैसले पर फिर से विचार करने और PMFBY में शामिल होने की अपील की है.'
उस समय कहा गया था कि सरकार पंजाब को पूरा वित्तीय और तकनीकी सहायता देने के लिए तैयार और प्रतिबद्ध है, अगर राज्य 2026-29 टेंडर साइकिल से इसमें शामिल होने का फैसला करता है.' फिलहाल इस पर स्थिति आज तक स्पष्ट नहीं हो सकी है. कृषि मंत्रालय की तरफ से उस समय भी कहा गया था कि इस योजना में पंजाब के शामिल न होने के कारण किसान सिर्फ राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली राहत पर निर्भर हैं, जो सीमित है और प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले बड़े नुकसान की भरपाई करने में असमर्थ है.
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