PMFBY: पीएम फसल बीमा योजना में बड़े बदलाव की स‍िफार‍िश, क‍िसानों को म‍िलेगी राहत

PMFBY: पीएम फसल बीमा योजना में बड़े बदलाव की स‍िफार‍िश, क‍िसानों को म‍िलेगी राहत

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana: हर‍ियाणा सरकार ने आगामी फसल सत्र के लिए जारी होने वाले फसल बीमा के टैंडर में किसानों की शिकायतें पोर्टल के माध्यम से लेने का प्रावधान करवाने का न‍िर्णय ल‍िया. योजना के तहत शाम‍िल की गई फसलों की प्रीम‍ियम राशि भी तय की गई. 

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PMFBY: पीएम फसल बीमा योजना में बड़े बदलाव की स‍िफार‍िश, क‍िसानों को म‍िलेगी राहत तय हुआ पीएम फसल बीमा योजना का नया प्रीम‍ियम (Photo-Kisan Tak).

कृषि तथा किसान कल्याण विभाग हर‍ियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को राज्य स्तरीय फसल बीमा समन्वय समिति की बैठक का आयोजन किया गया. अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को किसान हितैषी बनाने के लिए खरीफ 2023 से रबी 2025-26 तक इसे लागू करने के ल‍िए कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए. जिससे योजना को प्रदेश के लोगों के लिए अधिक सरल तथा पारदर्शी बनाया जा सके. बैठक में तकनीकी के प्रयोग को ममहत्व द‍िया गया. राजपाल ने तकनीकी सपोर्ट के ल‍िए हरसैक यानी हर‍ियाणा स्पेस एप्लीकेशंस सेंटर (HARSAC) को कृष‍ि विभाग का तकनीकी भागीदार नियुक्त करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया. साथ ही नुकसान बताने का समय बढ़ाने की भी स‍िफार‍िश की गई. 

राजपाल ने अधिकारियों को स्पष्ट आदेश दिए कि आगामी सत्र के लिए जारी होने वाले फसल बीमा के टैंडर में किसानों की शिकायतें पोर्टल के माध्यम से लेने का प्रावधान किया जाए. योजना के तहत शाम‍िल की गई फसलों की प्रीम‍ियम राशि भी तय की गई. योजना की पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा मुआवजा देने के ल‍िए सैंपल लेने यानी फसल कटाई प्रयोगों की वीडियोग्राफी करवाने की स‍िफार‍िश भी की गई. इसी तरह स्थानीय आपदा से खराब हुई फसल का सर्वे और फसल कटाई प्रयोगों में आपत्ति करने का समय 72 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे तथा बीमा कम्पनी के लिए 48 घंटे से बढ़ाकर 96 घंटे करने की सिफारिश भी गई. 

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स‍िफार‍िश मानी गई तो क‍िसानों को म‍िलेगी राहत

अगर फसल बीमा योजना में यह प्रस्ताव स्वीकार हो गया तो हर‍ियाणा में क‍िसानों को फसल नुकसान की जानकारी देने के ल‍िए ज्यादा समय म‍िलेगा. अभी फसल बीमा योजना में कवर क‍िसानों को खेती का नुकसान होने के 72 घंटे के अंदर कंपनी को सूचना देनी होती है. जो क‍िसान ऐसा नहीं कर पाते उन्हें नुकसान के बावजूद बीमा नहीं म‍िलता. यानी अभी क‍िसानों को नुकसान की जानकारी देने के ल‍िए तीन घंटे का वक्त म‍िलता है और अगर स‍िफार‍िश स्वीकार हुई तो छह द‍िन का वक्त म‍िलेगा. इससे क‍िसानों को बड़ी राहत म‍िलेगी. अब बीमा कंपन‍ियों को काम करने का ठेका भी तीन साल के ल‍िए द‍िया जा रहा है. 

अगले तीन साल के ल‍िए तय क‍िया फसल बीमा का प्रीम‍ियम.

 
बैठक में कृषि, सहकारिता, वित्त विभाग, भू-अभिलेख, बागवानी, अर्थ एवं सांख्यिकी विश्लेषण विभाग, भारत मौसम विभाग, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, हरसैक, नाबार्ड आदि विभागों तथा बीमा कंपन‍ियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे. 

एक होगी हेल्पलाइन 

फसल बीमा योजना में अभी ज‍ितनी कंपन‍ियां हैं उन सभी की अलग-अलग हेल्पलाइन हैं. लेक‍िन केंद्र सरकार अब एक राष्ट्रीय हेल्पलाइन बनाने की बात कर रही है. ज‍िस पर कहीं का भी क‍िसान फोन करके फसल नुकसान की जानकारी दे सके. एक श‍िकायत पोर्टल भी बनाया जा रहा है. ज‍िसके कॉल सेंटर के जर‍िए क‍िसानों की समस्या दर्ज की जाएगी. इसका नाम कृष‍ि रक्षक हेल्पलाइन और पोर्टल रखा गया है. देश में फसल बीमा करने वाली 18 कंपन‍ियां हैं, यानी 18 हेल्पलाइन होती हैं. हर क्षेत्र के ल‍िए अलग-अलग. उसमें भी कई बार नंबर बंद रहते हैं और गलती दी जाती है क‍ि क‍िसानों ने सूचना नहीं दी. लेक‍िन अगले साल तक यह समस्या खत्म हो सकती है. 

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