देश में लगातार हो रही जलवायु परिवर्तन से सब्जियों के दाम में इजाफा देखने को मिल रहा है. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के एक अध्ययन में कहा गया है कि सब्जियों के दाम बढ़ने का कारण तापमान में बढ़ोतरी है. ऐसे में इस महीने आरबीआई बुलेटिन में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि किसानों को सब्जियों की कम तापमान प्रतिरोधी वाली किस्मों की खेती करनी चाहिए. इससे दाम में स्थिरता आने के अनुमान हैं. निशांत सिंह और लव कुमार शांडिल्य द्वारा लिखे गए अध्ययन में सब्जियों की कीमतों पर मौसम संबंधी बदलाव का असर दिख रहा है. अध्ययन इस बात को रेखांकित करता है कि सब्जियों की कीमतें महत्वपूर्ण अस्थिरता को बढ़ाती हैं और भारत के खाद्य में एक प्रमुख योगदानकर्ता है. ऐसे में मौसम की बदलती परिस्थितियों पर सतर्क नज़र रखने की ज़रूरत है.
अध्ययन में कहा गया है कि ये परिणाम बताते हैं कि मौसम में लगातार बदलाव सब्जियों की कीमतों को प्रभावित करती हैं. साथ ही इसमें कहा गया है कि हाल के समय में तापमान का प्रभाव बढ़ा है, जिससे कीमत को स्थिरता बनाए रखने के लिए तापमान प्रतिरोधी किस्मों को तेज़ी से अपनाने की ज़रूरत है. अध्ययन में सुझाव दिया गया है कि बजट 2025-26 के दौरान घोषित 'उच्च उपज वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन' इस मुद्दे को हल करने में मदद कर सकता है.
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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के एक प्रधान वैज्ञानिक विक्रमादित्य पांडे ने वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित टमाटर की किस्म 'काशी तापिस' का उदाहरण दिया. यह किस्म 12 डिग्री सेल्सियस के तापमान में वृद्धि को झेल सकती है, इसे अधिसूचित किया गया है और उम्मीद है कि यह दो साल के भीतर किसानों को उपलब्ध हो जाएगी.
पांडे ने यह स्वीकार करते हुए कि मौसमी प्रकृति के कारण सब्जियों की कीमतों में वृद्धि के लिए अलग-अलग कारण हैं. उन्होंने उल्लेख किया कि आईसीएआर ने कुछ सब्जियों, जैसे कि बैंगन के लिए साल भर उगने वाली किस्में विकसित की हैं. हालांकि, कुछ अन्य विशेषज्ञों ने आगाह किया कि भारत में विशाल भौगोलिक विस्तार और अलग-अलग जलवायु क्षेत्रों के कारण सब्जियों की कीमतें इतनी अलग हैं और यह निष्कर्ष निकालना चुनौतीपूर्ण है कि तापमान वृद्धि ही कीमतों में वृद्धि का एकमात्र कारण है. उन्होंने कहा कि स्थानीय कारण से भी कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है.
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