प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के बाद आज पीएम नरेंद्र मोदी किसानों को एक और सौगात देने वाले है. 11 अगस्त यानी आज राजस्थान के झुंझुनू में एक ऐतिहासिक फसल बीमा दावा वितरण कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी लाखों किसानों के खाते में कई करोड़ रुपये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत ट्रांसफर करेंगे. कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे, जिसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी शामिल होंगे.
कार्यक्रम में झुंझुनू, सीकर, जयपुर, कोटपुतली-बहरोड़ और बाकी जिलों के किसान बड़ी संख्या में हिस्सा लेंगे जबकि देश भर के कई राज्यों के किसान वर्चुअली इससे जुड़ेंगे. 30 लाख से ज्यादा किसानों के बैंक अकाउंट में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानी डीबीटी के जरिये से 3,200 करोड़ रुपये से ज्यादा की फसल बीमा दावा राशि डिजिटल ट्रांसफर की जाएगी. इसमें से 1,100 करोड़ रुपये राजस्थान के 7 लाख से अधिक किसानों को वितरित किए जाएंगे. केंद्रीय मंत्री के अनुसार, राज्यवार दावा वितरण के तहत मध्य प्रदेश के किसानों को 1,156 करोड़ रुपये, राजस्थान के किसानों को 1,121 करोड़ रुपये, छत्तीसगढ़ के किसानों को 150 करोड़ रुपये और अन्य राज्यों के किसानों को सीधे 773 करोड़ रुपये मिलेंगे.
इस मौके पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'आज प्राकृतिक आपदा से पीड़ित लगभग 30 लाख किसानों के खातों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 3200 करोड़ रुपये की राशि डाली जानी है. ये पहली किस्त है, इसलिए जिन किसानों के खातों में आज पैसे नहीं आएंगे, वे चिंता न करें. करीब 8 हजार करोड़ रुपये की राशि बाद में जारी की जाएगी.' भारत सरकार ने किसानों के हित में एक आसान दावा निपटान प्रणाली लागू की है. इसके तहत राज्य के प्रीमियम अंशदान की प्रतीक्षा किए बिना सिर्फ केंद्रीय सब्सिडी के आधार पर दावों का आनुपातिक भुगतान किया जा सकता है. खरीफ 2025 सीजन से, अगर कोई राज्य सरकार अपने सब्सिडी अंशदान में देरी करती है, तो उस पर 12 फीसदी का जुर्माना लगाया जाएगा. इसी तरह से अगर बीमा कंपनियां भुगतान में देरी करती हैं तो किसानों पर भी 12 फीसदी का जुर्माना लगाया जाएगा.
इस योजना की शुरुआत साल 18 फरवरी 2016 में पीएम मोदी ने की थी. अब तक इस योजना ने 78 करोड़ से ज्यादा किसानों के आवेदनों को कवर किया है. साथ ही 1.83 लाख करोड़ रुपये के दावों का वितरण किया है. जबकि किसानों ने सिर्फ 35,864 करोड़ रुपये प्रीमियम का भुगतान किया है. योजना की शुरुआत उन किसानों के लिए की है जिनकी फसल बाढ़, बारिश, ओले और तूफान से खराब हुई हो. किसान चौपट हुई फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए के लिए क्लेम डाल सकते हैं. बीमा कंपनी किसानों का क्लेम सेटल कर उनके लिए पैसे जारी करती है.
हाल के कुछ सालों में YES-TECH, WINDS पोर्टल, AIDE मोबाइल ऐप, कृषि रक्षक पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर 14447 जैसे कई नई टेक्निक्स की मदद से दावों के निपटान में तेजर आई है और पारदर्शिता में सुधार हुआ है. पीएमएफबीवाई का उद्देश्य फसल कटाई के दो महीने के अंदर दावों का निपटान करना है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसानों को मुआवजा जल्दी मिले और वो कर्ज के जाल में न फंसें. पीएमएफबीवाई फसल नुकसान के सटीक आकलन के लिए सैटेलाइट इमेजिंग, ड्रोन और मोबाइल ऐप जैसी एडवांस्ड टेक्नोलॉजी को इंटीग्रेट करता है जिससे सटीक दावा निपटान सुनिश्चित होता है.
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