Rajasthan Assembly Elections: 5 हजार फीट ऊंचाई और सुदूर रेगिस्तान में भी बने पोलिंग बूथ

Rajasthan Assembly Elections: 5 हजार फीट ऊंचाई और सुदूर रेगिस्तान में भी बने पोलिंग बूथ

राजस्थान भौगोलिक रूप से काफी विविधताओं भरा राज्य है. यहां ऊंचे पहाड़ों पर बसे गांव हैं तो सुदूर रेगिस्तान में सिर्फ कुछ लोगों की बस्तियां भी हैं. इस बार निर्वाचन विभाग ने ऐसी सभी जगहों पर वोटिंग कराने का प्रयास किया है. दुर्गम, दूर-दराज और कम आबादी वाले क्षेत्रों में इस बार मतदान केन्द्र बनाए जा रहे हैं.

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Rajasthan Assembly Elections: 5 हजार फीट ऊंचाई और सुदूर रेगिस्तान में भी बने पोलिंग बूथ5 हजार फीट ऊंचाई और सुदूर रेगिस्तान में भी बने पोलिंग बूथ जयपुर.

राजस्थान विधानसभा चुनाव- 2023 में निर्वाचन विभाग की ओर से अधिक से अधिक वोटिंग के लिए कई कोशिशें की जा रही हैं. क्योंकि राजस्थान भौगोलिक रूप से काफी विविधताओं भरा राज्य है. यहां ऊंचे पहाड़ों पर बसे गांव हैं तो सुदूर रेगिस्तान में सिर्फ कुछ लोगों की बस्तियां भी हैं. इस बार निर्वाचन विभाग ने ऐसी सभी जगहों पर वोटिंग कराने का प्रयास किया है. दुर्गम, दूर-दराज और कम आबादी वाले क्षेत्रों में इस बार मतदान केन्द्र बनाए जा रहे हैं. विभाग ने सिरोही जिले के आबू-पिंडवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में 4921 फुट की ऊंचाई पर बसे शेरगांव में पोलिंग बूथ बनाया है. इसीलिए पहली बार है कि शेरगांव के मतदाता पहली बार अपने गांव में ही मतदान कर पाएंगे. मतदान दल फोरेस्ट गार्ड की मदद से घने जंगल में करीब 18 किलोमीटर तक पगडंडियों पर पैदल चल कर इस मतदान केन्द्र तक पहुंचेगा. यहां 117 मतदाताओं के लिए मतदान केन्द्र बनाया गया है. पहले शेरगढ़ के मतदाताओं को वोट देने के लिए दूरदराज के एक और उतरज में जाना होता था. इस बार, उतरज गांव में 238 मतदाताओं के लिए मतदान केन्द्र बनाया जाएगा. 

मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने कहा कि कोई भी मतदाता मतदान केन्द्र तक पहुंच नहीं पाने के कारण मताधिकार से वंचित न रहे, इस दिशा में निर्वाचन आयोग के निर्देश पर विशेष तैयारियां की गई हैं. प्रदेश में दुर्गम पहाड़ी इलाकों से लेकर, बहुत कम आबादी वाले मरुस्थलीय क्षेत्र में भी मतदान केन्द्र बनाए जाएंगे.  

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बाड़मेर में पाकिस्तान सीमा पर 35 वोटर्स के लिए बना पोलिंग बूथ 

निर्वाचन विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार बाड़मेर जिले में पाकिस्तान बॉर्डर पर बाड़मेर का पार गांव में 35  वोटर्स के लिए पोलिंग बूथ बनाया गया है. बाड़मेर जिले के ही एक अन्य गांव मंझोली में 49 मतदाताओं के लिए पहली बार मतदान केंद्र बनाया जा रहा है. इस बार इस गांव के मतदाताओं को वोट देने के लिए पांच किमी दूर नहीं जाना पड़ेगा. कांटल का पार गांव में 50 मतदाताओं के लिए मतदान केन्द्र बनाया जा रहा है. 

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इसके अलावा जैसलमेर के मेनाउ मतदान केंद्र पर केवल 50  मतदाता हैं. मतदान के दिन वहां टेंट में एक अस्थाई बूथ स्थापित किया जाएगा. धौलपुर जिले के बसेड़ी विधानसभा क्षेत्र में काली तीर मतदान केन्द्र भी पहली बार बनाया जाएगा. डांग क्षेत्र में स्थित इस मतदान केन्द्र पर 682 मतदाता हैं. पहले यहां के मतदाताओं को 7.5 किलोमीटर दूर एक दूसरे पोलिंग बूथ पर जाना होता था. 

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