सभी लोगों के जीवन में फलों का अपना एक महत्व है. इसलिए स्वस्थ रहने के लिए लोग कई प्रकार के फलों का सेवन करते हैं. लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे भी फल हैं जिनके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते. ये फल आम फलों के मुकाबले कई औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. इनमें कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर की कई बीमारियों को दूर करने में कारगर होते हैं. ऐसे फलों की सूची में एक नाम है. पैशन फ्रूट का. कई लोगों के लिए एक नया फल हो सकता है. ऐसे में अगर इसे नहीं पहचान पा रहे हैं, तो चलिए इसे थोड़ा आसान करते हैं.
यह दिखने में पीले या बैंगनी रंग का होता है जिसे भारत में कृष्णा फल के नाम से भी जाना जाता है. इस फल के कई सारे फायदे हैं. आइए जानते हैं क्या है इस फल की खासियत और फायदे.
कृष्णा फल कई बड़े-बड़े फलों से भी ज्यादा ताकत देता है. यहां तक कि सेब और अनार भी इसके सामने घुटने टेकते हैं. कहा जाता है कि इन दोनों फलों की तुलना में कृष्णा फल अधिक ताकतवर और फायदेमंद होता है. और दाम भी इन दोनों फलों से ज्यादा है. भारतीय बाजार में यह फल लगभग 300 से 350 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिलता है.
पैशन फ्रूट को भारत में कृष्ण कमल और कृष्णा फल के नाम से भी जाना जाता है. यह फल मूल रूप से अमेरिकन और ब्राजीलियन फल का मिश्रण है, जो मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है. यदि इस फल के स्वाद की बात करे, तो यह खट्टा होता है. लेकिन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है. इसी वजह से भारतीय बाजार में इसकी मांग धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. वहीं अगर भारत में इसकी खेती की बात करें तो इसे दक्षिणी राज्यों में उगाया जाता है.
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पैशन फ्रूट के विभिन्न प्रजातियों में से पीला और बैंगनी रंग का फल प्रमुख तौर पर पाया जाता है. पीले, बैंगनी, रंग का यह फल आकार में गोल या अंडाकार होता है. इसका छिलका पीला, सख्त और मोटा होता है. इसके बीज भूरे रंग के होते हैं और गूदा खट्टा और खुशबूदार होता है. वहीं बैंगनी रंग का कृष्णा फल आकार में छोटा होता है और इसका छिलका बैंगनी रंग का होता है और बीज काले रंग का होता है.
यदि आप भी पैशन फ्रूट की खेती करना चाहते हैं तो आसानी से कर सकते हैं क्योंकि इसकी खेती खेती करने में अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है. इस फल की अच्छी पैदावार के लिए 15 से 30 डिग्री तक तापमान उचित माना जाता है. इस तापमान में फलों की क्वालिटी बनी रहती है. पैशन फ्रूट की खेती के लिए सूखी रेतीली मिट्टी को सबसे उपयुक्त माना जाता है और इसकी रोपाई के लिए बारिश की शुरुआत का समय सबसे अच्छा माना जाता है. इसके बाद अक्टूबर महीने के आस-पास इसमें फूल निकलने लगते है और नवंबर-दिसंबर तक इसमें फल लगने लगते हैं.
पैशन फ्रूट में विटामिन-ए और सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो एक महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट है. ऐसा माना जाता है कि इसे खाने से कैंसर, पाचन शक्ति से जुड़ी दिक्कत, आंखों की परेशानी, डायबिटीज, हार्ट और उम्र बढ़ने के लक्षण कम होते हैं. फलों के मामले में हम केवल आम, सेब, केला और अनार जैसे फलों को ही मायने देते हैं, लेकिन एक बार अगर आप कृष्णा फल या पैशन फ्रूट को खा लेंगे तो आप इसे अपनी डाइट में शामिल करना नहीं भूलेंगे.
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