चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण और शिक्षा संस्थान में अगस्त महीने के दौरान बेकरी, मशरूम उत्पादन तकनीक, मधुमक्खी पालन और डेयरी फार्मिंग के लिए प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे. यह जानकारी देते हुए संस्थान के सह-निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. अशोक कुमार गोदारा ने बताया कि कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज के मार्गदर्शन में आयोजित किए जाने वाले इन प्रशिक्षणों में 1 से 4 अगस्त तक बेकरी, 6 से 8 मशरूम उत्पादन तकनीक, 18 से 22 अगस्त डेयरी फार्मिंग और 25 से 27 मधुमक्खी पालन पर प्रशिक्षण दिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण में देश/ प्रदेश से किसी भी वर्ग, आयु के इच्छुक महिला या पुरुष यह प्रशिक्षण ले सकते हैं. यह प्रशिक्षण नि:शुल्क दिया जाएगा. प्रशिक्षण में पूरी अवधि तक भाग लेने वाले उम्मीदवारों को ही प्रमाण-पत्र दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि वैज्ञानिकों द्वारा प्रतिभागियों को प्रशिक्षण के दौरान संबंधित विषय के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी. प्रशिक्षण के दौरान केंद्र और राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जाएगी ताकि ट्रेनिंग लेने वालों का कौशल विकास किया जा सके.
गोदारा ने बताया कि प्रशिक्षण लेने के इच्छुक युवक और युवतियां पंजीकरण के लिए संस्थान में प्रशिक्षण शुरू होने वाले दिन सुबह 9:00 बजे पहुंच कर अपना पंजीकरण करवा कर प्रशिक्षण में भाग ले सकते हैं. प्रशिक्षण का समय सुबह 9:00 से 4:00 बजे तक निर्धारित किया गया है. प्रशिक्षण संस्थान विश्वविद्यालय के गेट नंबर 3 लूदास रोड पर स्थित है. प्रशिक्षण पहले आओ--पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा. पंजीकरण के लिए प्रतिभागियों को एक फोटो और आधार कार्ड की फोटोकॉपी अपने साथ लेकर आनी होगी.
दूसरी ओर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने स्ट्रॉबेरी फल के लिए घातक क्राउन रॉट रोग के एक नए रोग कारक कोलेटोट्रीकम निम्फेई की पहचान की है. देश में पहली बार स्ट्रॉबेरी के क्राउन रॉट रोग के लिए नए रोग कारक का पता चला है. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज के निर्देशानुसार वैज्ञानिकों ने इस रोग के प्रबंधन के लिए काम शुरू कर दिया है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि वे जल्द ही इस दिशा में भी कामयाब होंगे.
फिजियोंलोजिकल एंड मोलिकुलर प्लांट पैथोलोजी में वैज्ञानिकों ने इस बीमारी की रिपोर्ट को पहली शोध रिपोर्ट के रूप में प्रकाशन के लिए स्वीकार कर मान्यता दी है, जो विशेषत: पौधों की बीमारियों के लिए पौधों में नई बीमारी को मान्यता देने वाली, अध्ययन के लिए सबसे पुराने अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक संगठनों में से एक है.
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