fertilizer salesखाद की बिक्री को लेकर कुछ अहम आंकड़े सामने आए हैं. इस महीने अब तक अधिक उपलब्धता के बावजूद भी डाई-अमोनियम फॉस्फेट यानी DAP की बिक्री में गिरावट आई है, जबकि यूरिया की बिक्री में खासी बढ़ोतरी हुई है. साथ ही कॉम्प्लेक्स (N, P, K पोषक तत्वों का मिश्रण) फर्टिलाइजर की बिक्री में मामूली बढ़ोतरी देखने को मिली है. सरकार ने कहा है कि यूरिया, म्यूरेट ऑफ पोटाश (MoP), कॉम्प्लेक्स और सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) की उपलब्धता सामान्य थी.
ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 1-12 दिसंबर के दौरान DAP की बिक्री 4.22 लाख टन (lt) रही, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 4.76 lt थी. MoP की बिक्री भी थोड़ी कम होकर 0.95 lt से 0.88 lt हो गई, और SSP की बिक्री 2.25 lt से 2.11 lt हो गई. लेकिन, यूरिया की बिक्री 20 प्रतिशत बढ़कर 17.97 lt से 21.55 lt हो गई है और कॉम्प्लेक्स खाद की बिक्री 2 प्रतिशत बढ़कर 5.34 lt से 5.45 lt हो गई है.
सरकार ने कहा कि 12 दिसंबर तक-
सरकारी के मुताबिक, इतना खाद पूरे महीने की मांग को पूरा करने के लिए काफी है. अंग्रेजी अखबार 'बिजनेसलाइन' की एक रिपोर्ट में फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FAI) के हवाले से बताया गया कि मौजूदा वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान यूरिया की बिक्री 216.4 लाख टन, DAP की 57.2 लाख टन, MOP की 13 लाख टन, कॉम्प्लेक्स की 89.2 लाख टन और SSP की 34.8 लाख टन रही, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 0.4 प्रतिशत से 18.5 प्रतिशत ज़्यादा है.
राज्यों से मिले इनपुट के आधार पर, कृषि मंत्रालय ने दिसंबर महीने में फर्टिलाइज़र की डिमांड का अनुमान लगाया है. ऐतिहासिक रूप से अक्टूबर-जनवरी के मुख्य रबी बुवाई के मौसम में सबसे ज़्यादा बिक्री होती है. अनुमान के मुताबिक, 43.78 लाख टन यूरिया, 8.13 लाख टन DAP, 2.80 लाख टन MOP, 15.26 लाख टन कॉम्प्लेक्स और 4.85 लाख टन SSP की जरूरत होगी. राज्य के कई हिस्सों में यूरिया की कमी की शिकायतों के बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एसपी गोयल ने इस हफ़्ते की शुरुआत में जिला मजिस्ट्रेट और डिविजनल कमिश्नरों के साथ अपनी रेगुलर मीटिंग में स्थिति की समीक्षा की.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस हफ़्ते लोकसभा में देश में यूरिया की किसी भी कमी से इनकार किया और कहा कि इसकी बढ़ी हुई मांग अच्छे मॉनसून के कारण है और देश को बंपर फ़सलों की पैदावार का एक और साल मिलने की उम्मीद है. उन्होंने मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए ₹1.32 लाख करोड़ के अतिरिक्त खर्च की मांग की, जिसमें अकेले खाद सब्सिडी के लिए ₹18,525.1 करोड़ शामिल हैं. सीतारमण ने यह भी बताया था कि देश "लगातार इंपोर्ट कर रहा है", अक्टूबर में 20.21 लाख टन इंपोर्ट हुआ, जबकि नवंबर-दिसंबर में लगभग 17.5 लाख टन यूरिया आने वाला था. यूरिया का इंपोर्ट सरकार की कैनालाइजिंग एजेंसी के ज़रिए किया जाता है और सरकार ही इसका फैसला करती है.
ये भी पढ़ें-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today