Damask Rose इत्र-परफ्यूम कारोबार हो या फिर पान मसाला इंडस्ट्री, सबको बिजनेस खुशबू पर टिका है. तीनों ही कारोबार से जुड़े लोगों को अपना प्रोडक्ट बेहतर बनाने के लिए अच्छी से अच्छी खुशबू की जरूरत होती है. फिर वो खुशबू चाहें देश में मिले या विदेश में. और हैरान करने वाली बात ये है कि इस खुशबू के लिए कारोबारी कोई भी कीमत देने को तैयार रहते हैं. ऐसे ही एक खास फूल का तेल है जो लाखों रुपये की कीमत से बिकता है. और इसे बेचने के लिए पान मसाले की तरह कोई प्रचार भी नहीं करना पड़ता है. जरूरतमंद खुद इसकी तलाश करते हैं. महीनों पहले से ऑर्डर दिए जाते हैं. खुशबू बाजार में इस फूल को दमस्क यानि बुल्गारिया रोज के नाम से जाना जाता है.
इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी (आईएचबीटी), पालमपुर, हिमाचल प्रदेश के साइंटिस्ट की मानें तो इसका साइंटीफिक नाम रोजा डेमासीना है. उनका कहना है कि परफ्यूम, इत्र और पान मसाला इंडस्ट्री में दमस्क रोज का तेल और रोज वॉटर खूब इस्तेमाल किया जाता है. कहा जाता है कि दमस्क रोज खासतौर से सीरिया में होता है. लेकिन अब इसे भारत के हिमालयी इलाके में उगाने की कोशिश हो रही है.
आईएचबीटी के प्रोसेसिंग यूनिट के इंजीनियर डॉ. मोहित शर्मा ने किसान तक को बताया कि बाजार में डिमांड के चलते आज दमस्क रोज के तेल की कीमत 10 लाख रुपये प्रति लीटर है. दमस्क की खेती और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्री्य बाजार के हालात के हिसाब से तेल के रेट घटते-बढ़ते रहते हैं. दमस्क रोज से एक लीटर तेल निकालने के लिए करीब तीन से साढ़े तीन टन फूलों की जरूरत होती है. लेकिन ऐसा भी नहीं है कि तीन टन दमस्क रोज में से सिर्फ एक लीटर तेल ही निकलेगा. तेल के साथ-साथ रोज वॉटर भी निकलता है. प्योर रोज वॉटर भी इतना तेज होता है कि किसी भी जरूरत के लिए उसकी कुछ बूंद ही काफी होती हैं. यही वजह है कि आमतौर पर बाजार में बिकने वाला रोज वॉटर इतना तेज नहीं होता है.
फूलों से निकला प्योर तेल हो या फिर परफ्यूम, सभी को एल्युमीनियम की बोतल में अच्छी तरह से पैक कर रखा जाता है. लेकिन इसके लिए कांच की बोतल इस्तेमाल नहीं की जाती है. खासतौर से फूलों का प्योर तेल रखने के लिए. इस बारे में आईएचबीटी के इंजीनियर मोहित शर्मा ने बताया कि फूलों के तेल में 100 से 150 कंपाउंड होते हैं. इसमे से करीब 15-16 ऐसे कंपाउंड होते हैं जो तेल में मुख्य भूमिका निभाते हैं. अगर तेल पर सीधी रोशनी पड़ती है तो उसका असर उन कंपाउंड पर पड़ता है. जिसके चलते तेल की क्वालिटी खराब होने का डर रहता है.
ये भी पढ़ें- Animal Feed: दुधारू पशु खरीदते वक्त और गाभिन पशु की खुराक में अपनाएं ये टिप्स
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today