Milk Production: 2033 तक हर साल भारत को चाहिए होगा इतने करोड़ लीटर दूध, अभी है बहुत पीछे  

Milk Production: 2033 तक हर साल भारत को चाहिए होगा इतने करोड़ लीटर दूध, अभी है बहुत पीछे  

Milk Export बीते करीब 27 साल से भारत दूध उत्पादन के मामले में दुनिया का बादशाह बना हुआ है. आज भी भारत दूध उत्पादन के मामले में नंबर वन है. बीते साल 24 करोड़ टन दूध का उत्पादन हुआ था. वहीं प्रति व्यक्ति के हिस्से में अब 471 ग्राम दूध आ रहा है. और ये सब मुमकिन है ऑपरेशन फ्लड से. लेकिन आने वाले कुछ साल में और उत्पादन बढ़ाने की जरूरत होगी. 

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Milk Production: 2033 तक हर साल भारत को चाहिए होगा इतने करोड़ लीटर दूध, अभी है बहुत पीछे  एनडीआरआई

Milk Export भारत दूध उत्पादन में नंबर वन है. दूसरे नंबर पर अमेरिका है, लेकिन वो भी भारत के आंकड़े से बहुत पीछे है. बीते लम्बे वक्त से देश दूध उत्पादन में नंबर वन बना हुआ है. ये खुशी की बात है कि हर साल दूध उत्पादन बढ़ रहा है. लेकिन, हाल ही में राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई), करनाल के डॉयरेक्टर डॉ. धीर सिंह ने एक बड़ा खुलासा किया है. उनका कहना है कि दूध की बढ़ती डिमांड को देखते हुए मौजूदा उत्पादन से ज्यादा दूध की जरूरत है. और साल 2033 तक ये डिमांड और ज्यादा बढ जाएगी. उनका ये भी कहना है कि डेयरी सेक्टर में करोड़ों छोटे और सीमांत किसान शामिल हैं. वहीं भारत के सकल घरेलू उत्पाद में डेयरी और पशुपालन सेक्टर का 4.5 फीसद योगदान है. 

मोटे तौर पर देखें तो कृषि क्षेत्र में डेयरी सेक्टर का योगदान 24 फीसद है, जिसकी वैल्यू करीब 10 लाख करोड़ रुपये है. और दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले ये सबसे ज्यादा है. अच्छी बात ये है कि एनडीआरआई इन मुद्दों को हल करने के लिए डेयरी के विभिन्न पहलुओं पर काम कर रहा है. जैसे दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए नई पोषण रणनीति और बेहतर प्रजनन पद्धतियां, दूध की गुणवत्ता में सुधार के लिए नई पशुधन प्रबंधन पद्धतियां, स्वच्छ दूध पद्धतियां, मिलावट का पता लगाने वाली किट और कोल्ड चेन पद्धतियां जिससे निर्यात क्षमता में बढ़ोतरी हो. 

हर साल चाहिए 33 करोड़ टन दूध 

डॉ. धीर का कहना है कि भारत अब दुनिया में सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन गया है. इतना ही नहीं हमारी आबादी में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. बढ़ती आबादी के चलते दूध और दूध उत्पादों की मांग भी लगातार बढ़ रही है. एक अनुमान के अनुसार, देश की दूध और दूध उत्पादों की मांग को पूरा करने के लिए भारत को साल 2033 तक हर साल 33 करोड़ टन दूध का उत्पादन करने की जरूरत है. हाल के दशक में दूध उत्पादन में औसत बढ़ोतरी 6.6 फीसद हुई है. लेकिन 33 करोड़ टन दूध की डिमांड को पूरा करने के लिए कम से कम 14 फीसद वार्षिक बढ़ोतरी दर हासिल करने की जरूरत है. 

33 करोड़ टन के लक्ष्य में ये है परेशानी 

डॉ. धीर जहां एक ओर साल 2033 तक हर साल 33 करोड़ टन दूध उत्पादन की जरूरत बताई है, वहीं इस लक्ष्य को हासिल करने में आने वाली रुकावटों का भी जिक्र किया है. उनका कहना है कि चारे की बढ़ती लागत, कम होती खेती की जमीन, पशुओं में उभरती हुई बीमारियां आदि कुछ ऐसी बाधाएं हैं जो लक्ष्य को हासिल करने के बीच में रोड़ा बन रही हैं. उत्पादन लागत और मीथेन उत्पादन को कम करने के लिए स्वदेशी दुधारू नस्लों की उत्पादकता बढ़ाना भी एक लक्ष्य है जिस पर गंभीरता से ध्यान दिए जाने की जरूरत है.

मौजूदा वक्त में भारत का दूध निर्यात करीब 2269 करोड़ रुपये का है, जो दुनिया के दूध उत्पाद निर्यात का केवल 2.6 फीसद है. फिर भी, हमें अपने दूध उत्पादों की निर्यात क्षमता बढ़ाने के लिए और ज्यादा काम करने की जरूरत है, जो किसानों को उनकी इनकम बढ़ाने और अच्छा रिटर्न दिलाने के लिए बहुत खास है. गुणवत्ता में सुधार के अलावा हमारी निर्यात क्षमता को बढ़ाने के लिए भारतीय दूध निर्यात के लिए नए रास्ते तलाशने की भी जरूरत है. 

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