प्राकृतिक खेती पर बढ़ते निवेश से युवाओं के लिए करियर का रास्ता खुला, ये एग्री कोर्स दिलाएगा बड़े पैकेज वाली नौकरी

प्राकृतिक खेती पर बढ़ते निवेश से युवाओं के लिए करियर का रास्ता खुला, ये एग्री कोर्स दिलाएगा बड़े पैकेज वाली नौकरी

प्राकृतिक खेती की पढ़ाई करने वाले और इससे ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं और प्रोफेशनल्स की मांग में तेजी से बढ़ोत्तरी आ रही है. खास बात है कि 12वीं के बाद प्राकृतिक खेती में नेचुरल फार्मिंग में ग्रेजुएशन किया जा सकता है. इस क्षेत्र में पढ़ाई के बाद सरकारी नौकरी के साथ ही निजी क्षेत्र में बड़े पैकेज वाली नौकरी मिल जाती है. जबकि, खुद भी प्रॉकृतिक खेती करने और बिजनेस बनाने का ऑप्शन भी है. 

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प्राकृतिक खेती पर बढ़ते निवेश से युवाओं के लिए करियर का रास्ता खुला, ये एग्री कोर्स दिलाएगा बड़े पैकेज वाली नौकरीप्राकृतिक खेती की पढ़ाई करने वाले और युवाओं और प्रोफेशनल्स की मांग में बढ़ रही है.

प्राकृतिक खेती पर केंद्र सरकार का खास फोकस है. बीते दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सरकार के अगले 5 साल के कार्यों और विकास योजना की रूपरेखा अपने अभिभाषण में सामने रखी थी. उन्होंने बताया कि कृषि व्यवस्था में तेजी से हो रहे बदलाव को देखते हुए सरकार प्राकृतिक खेती के विकास और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रही है. जबकि, लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी ने पंजाब के पटियाला में रैली के दौरान कहा कि केंद्र सरकार मिट्टी की पोषकता बचाने के लिए प्राकृतिक खेती पर फोकस कर रही है.

ऐसे में इस क्षेत्र का विस्तार हो रहा है और प्राकृतिक खेती की पढ़ाई करने वाले और इससे ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं और प्रोफेशनल्स की मांग में तेजी से बढ़ोत्तरी आ रही है. खास बात है कि 12वीं के बाद प्राकृतिक खेती में नेचुरल फार्मिंग में ग्रेजुएशन किया जा सकता है. इस क्षेत्र में पढ़ाई के बाद सरकारी नौकरी के साथ ही निजी क्षेत्र में बड़े पैकेज वाली नौकरी मिल जाती है. जबकि, खुद भी प्रॉकृतिक खेती करने और बिजनेस बनाने का ऑप्शन भी है. 

भारत तेजी से कृषि उत्पादों का निर्यात दूसरे देशों को कर रहा है. इसमें से प्राकृतिक तरीके से उगाए गए उत्पादों की मांग ज्यादा है. जबकि, कृषि उत्पादों को लंबे समय तक पहले जैसा बनाए रखने के लिए इस क्षेत्र के पारंगत लोगों के लिए करियर के रास्ते खुल गए हैं. प्राकृतिक खेती यानी नेचुरल फार्मिंग में फसलों पर किसी भी प्रकार के रासायनिक कीटनाशक या दवाओं का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. प्राकृतिक तरीके से उपलब्ध खाद का इस्तेमाल पारंपरिक विधियों से किया जाता है. इसमें मिट्टी की नमी, पोषकता के आधार पर खेती की जाती है. नेचुरल फार्मिंग से मिट्टी की पोषकता को बढ़ावा मिलता है. इससे पौष्टिक तत्व ओरिजनल फॉर्म में बने रहते हैं. 

प्राकृतिक खेती यानी नेचुरल फार्मिंग में ग्रेजुएशन की पढ़ाई ऑफर करने वाली वाईएस परमार यूनिवर्सिटी ऑफ हॉर्टीकल्चर एंड फॉरेस्ट्री के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने कहा कि प्राकृतिक खेती को एक मजबूत वैज्ञानिक आधार प्रदान करने के लिए लगातार वैज्ञानिक डेटा एकत्रित किया जा रहा है. आजकल दुनिया में प्राकृतिक तरीके से उगाए गए जैविक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है. सरकार प्राकृतिक खेती और इससे जुड़े उत्पादों की सप्लाई चेन को सशक्त कर रही है. इसी क्रम में प्राकृतिक खेती की पढ़ाई देश की कई यूनिवर्सिटी में ऑफर की जा रही है. 

बैचलर कोर्स में प्रवेश का मौका 

वाईएस परमार यूनिवर्सिटी ऑफ हॉर्टीकल्चर एंड फॉरेस्ट्री के प्रवक्ता सुचेत अत्री ने बताया कि नेचुरल फार्मिंग को तेजी से बढ़ावा मिल रहा है. इस सेक्टर में बेहतरीन करियर ग्रोथ को देखते हुए युवाओं को पढ़ाई के लिए कोर्स उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी में 4 साल की अवधि के लिए बैचलर हॉनर्स कोर्स उपलब्ध कराया जा रहा है. इसमें 12वीं पास छात्र प्रवेश ले सकते हैं. 

प्राकृतिक खेती में बैचलर कोर्स की अवधि और फीस 

  • संस्थान - वाईएस परमार यूनिवर्सिटी 
  • कोर्स - नेचुरल फार्मिंग स्नातक (ऑनर्स) - 
  • अवधि - 4 साल 
  • नॉमर्ल सीट के लिए फीस - 35 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर
  • एडमिशन योग्यता - 12वीं पास 

4 साल के कोर्स के लिए प्रति सेमेस्टर फीस 

उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय (Chandra Shekhar Azad University of Agriculture) के डीन डॉक्टर सीएल मौर्य ने बताया कि सीएसए में बीएससी एग्रीकल्चर ऑनर्स कोर्स की अवधि 4 साल की है. इस कोर्स में प्रवेश के लिए यूनिवर्सिटी के कानपुर कैंपस में या फिर लखीमपुर खीरी कैंपस में प्रवेश लिया जा सकता है. 

  1. संस्थान - चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय 
  2. कोर्स - बीएससी एग्रीकल्चर (ऑनर्स) 
  3. अवधि - 4 साल (8 सेमेस्टर)
  4. फीस - 40 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर 
  5. एडमिशन योग्यता - 12वीं पास 

जुलाई 2024 सत्र के लिए प्रवेश प्रक्रिया जारी 

इसी तरह उत्तर प्रदेश का सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि और प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय भी 12वीं पास छात्रों के लिए एग्रीकल्चर में बीएससी ऑनर्स B.Sc. (Hons.) Agriculture की पढ़ाई का मौका दे रहा है. दूसरे कृषि विश्वविद्यालयों और निजी कृषि कॉलेजों में बीएससी एग्रीकल्चर कोर्स की पढ़ाई ऑफर की जा रही है, जहां औसत फीस 23,000 रुपये से 1,50,000 रुपये के बीच है.

प्रवेश तिथि- जुलाई 2024 सत्र के लिए प्रवेश प्रक्रिया चल रही है. इच्छुक छात्र आवेदन की अधिक जानकारी के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट या फिर कैंपस में विजिट करें. 

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