अक्सर सवाल होता है कि खेत मालिक के अलावा अगर कोई बटाईदार है या किरायेदार किसान है तो उसे केंद्रीय योजना का लाभ मिलेगा या नहीं. अभी तक ऐसे किसानों को पीएम किसान योजना का लाभ नहीं मिलता है. मगर पीएम फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है. फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए भी कुछ खास नियम हैं जिसके बारे में खुद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को संसद में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि किरायेदार किसान कैसे पीएम फसल बीमा योजना का लाभ ले सकते हैं. उन्होंने आंकड़ा भी बताया कि ऐसे कितने किसानों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है.
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, जो टेनेंट फॉर्मर्स (किरायेदार किसान) हैं, उनके लिए अलग-अलग योजना है. केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अगर जिसके पास स्वामित्व (खेत का मालिकाना हक) है, वो किसान टेनेंट फॉर्मर को अधिकृत कर देते हैं तो फसल बीमा योजना का लाभ उनको मिलता है. एमएसपी की खरीद के लिए भी लैंड होल्डिंग वाला किसान अधिकृत करे राज्य की अनुमति से तो उससे एमएसपी की खरीद की जाती है. टेनेंट किसान एफपीओ मेंबर बन सकता है.
कृषि मंत्री ने संसद में बताया, पिछले दिनों जो हमारे टेनेंट फॉर्मर्स हैं और जो बटाई पर खेती करते हैं, उनको प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में ऐसे टेनेंट और शेयर क्रॉपर दोनों को मिलाकर 6 लाख 55 हजार 846 किसानों को लाभ दिया गया है, वहीं 41 लाख 62 हजार 814 किसानों को लाभ दिया गया है.
कृषि मंत्री की बातों से साफ है कि अगर खेत का मालिक बटाईदार या किरायेदार किसान को अधिकृत कर दे तो सरकार की ओर से केंद्रीय योजनाओं का लाभ जरूर मिलेगा. कृषि मंत्री ने आंकड़े भी दिए कि ऐसे लाखों किसानों को पीएम फसल बीमा योजना का लाभ दिया जा रहा है. अभी तक ऐसे किसानों को एमएसपी पर फसल खरीद का लाभ भी नहीं मिलता है. अगर खेत का मालिक ऐसे किसानों को अधिकृत कर दे और राज्य सरकार की ओर से अनुमति मिल जाए तो एमएसपी का लाभ दिया जाएगा. बटाईदार और किरायेदार किसानों को अगर एफपीओ का सदस्य बनना है तो उसके लिए भी यही नियम है.
खेत मालिक की ओर से अधिकृत होने के बाद बटाईदार या किरायेदार किसानों को पीएम फसल बीमा योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसमें आधार जैसी जरूरी जानकारी देनी होगी. सफल रजिस्ट्रेशन होने के बाद ऐसे किसानों को पीएम फसल बीमा के तहत मुआवजा दिया जाएगा. ऐसे किसानों के लिए भी फसल नुकसान के मुआवजे का वही नियम है जैसा नियम खेत मालिक के लिए होता है.
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