भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (IFFCO), दुनिया की नंबर 1 उर्वरक सहकारी संस्था है. अब इसी इफको के लिए एक भावुक मोड़ आने वाला है. IFFCO के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. उदय शंकर अवस्थी 31 जुलाई 2025 को 80 साल की आयु पूरी कर अपने पद से सेवानिवृत्त हों रहे हैं. डॉ. अवस्थी का रिटायरमेंट एक ऐसी शानदार यात्रा का समापन होगा, जिसमें उन्होंने चार दशकों से अधिक समय तक संगठन को न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है.
गौरतलब है कि डॉ. अवस्थी ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से रासायनिक इंजीनियरिंग में शिक्षा प्राप्त की और नवंबर 1976 में IFFCO ज्वाइन किया. फिर साल 1993 में प्रबंध निदेशक का पद संभालने से पहले उन्होंने संगठन में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं. उनके नेतृत्व में IFFCO एक आधुनिक, पेशेवर रूप से संचालित वैश्विक सहकारी समूह में तब्दील हो गया, जिसने पूरे भारत में किसानों को सीधे तौर पर सशक्त बनाया है.
डॉ. अवस्थी की रणनीतिक सोच के चलते IFFCO ने ICS सेनेगल, ओमान, जॉर्डन और UAE में निवेश कर वैश्विक उपस्थिति दर्ज कराई. ओमान IFFCO कंपनी (OMIFCO), जॉर्डन इंडिया फर्टिलाइज़र कंपनी (JIFCO) और किसान इंटरनेशनल ट्रेडिंग (KIT) जैसे संयुक्त उपक्रम इसके उदाहरण हैं.
डॉ. अवस्थी की दूरदर्शिता ने IFFCO को बीमा और रसायन क्षेत्र में भी विस्तारित किया. IFFCO-टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी, जापान की टोकियो मरीन ग्रुप के साथ एक संयुक्त उद्यम, भारत की प्रमुख बीमा कंपनियों में से एक बन गई है. इसी तरह, IFFCO-मित्सुबिशी केमिकल्स ने किफायती और सुरक्षित फसल सुरक्षा समाधानों की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया.
डॉ. उदय शंकरअवस्थी के असाधारण योगदान के लिए उन्हें कई प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुए हैं. इनमें अंतर्राष्ट्रीय सहकारी संगठन (ICA) द्वारा वैश्विक 'रोचडेल पायनियर्स अवॉर्ड', शंकर भारती और आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले द्वारा प्रदान किया गया "फर्टिलाइज़र मैन ऑफ इंडिया" का खिताब, और अंतर्राष्ट्रीय उर्वरक संघ एवं भारतीय उर्वरक संघ में भी नेतृत्वकारी पद शामिल हैं. ये सम्मान दुनिया भर में सहकारिता और उर्वरक क्षेत्र में डॉ. अवस्थी के स्थायी प्रभाव के साक्षात प्रमाण हैं.
इतना ही नहीं डॉ. अवस्थी भारत में कृषि में नैनो तकनीक के अग्रदूत माने जाते हैं. डॉ. अवस्थी की लीडरशिप में ही कलोल में नैनो बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर और IFFCO नैनोवेंटशन्स प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना हुई. इसके तहत नैनो यूरिया प्लस, नैनो डीएपी, नैनो जिंक और नैनो कॉपर जैसे उत्पादों की भारत में शुरूआत हुई.
डॉ. अवस्थी ने नैनो फर्टिलाइज़र प्लांट्स की स्थापना IFFCO की सभी प्रमुख इकाइयों – कालोल, कांडला (गुजरात), औंला व फूलपुर (उत्तर प्रदेश), पारादीप (ओडिशा), बेंगलुरु, देवघर और असम (निर्माणाधीन) में करवाई. डॉ. उदय शंकर अवस्थी के कार्यकाल में IFFCO ने ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म IFFCO बाज़ार, वानिकी और बीज उत्पादन के लिए IFFDC, लॉजिस्टिक्स के लिए IFFCO किसान लॉजिस्टिक्स लिमिटेड, और एग्रीटेक व ग्रामीण वित्त के लिए IFFCO किसान सुविधा लिमिटेड व IFFCO किसान फाइनेंस जैसी पहलें शुरू कीं.
अपने विदाई संबोधन में डॉ. अवस्थी ने कहा, "मैं IFFCO परिवार, सभी सहायक कंपनियों, संयुक्त उपक्रमों और सहयोगी संस्थाओं का दिल से आभार प्रकट करता हूं. मेरी यात्रा में जो भी साथ रहे – चाहे बोर्ड सदस्य हों, RGB सदस्य, सहकारी सदस्य, कर्मचारी, किसान या भागीदार – मैं सभी का धन्यवाद करता हूं." इस दौरान IFFCO के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने कहा, "अवस्थी जी ने IFFCO और इसकी समूह कंपनियों को परिवार की तरह निभाया. अब वे अपने निजी जीवन, विशेषकर पोते-पोतियों के साथ समय बिता सकेंगे. फिर भी, हम उनके मार्गदर्शन की अपेक्षा हमेशा करेंगे."
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