Mango Variety-4: दशहरी आम का दशहरे से भी है क्या कोई कनेक्शन? ये रहा इस सवाल का जवाब

Mango Variety-4: दशहरी आम का दशहरे से भी है क्या कोई कनेक्शन? ये रहा इस सवाल का जवाब

दशहरी आम भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी पसंद किया जाता है. विदेशों में यह दशहरी आम अपने बेहतरीन स्वाद के लिए बहुत प्रसिद्ध है, कहा जाता है कि दक्षिण भारत में दशहरी आम को दसहरी नाम भी दिया गया है. उत्तर प्रदेश में दशहरी आम बहुत पसंद किया जाता है. जानें इस आम की पूरी कहानी-

Advertisement
Mango Variety-4: दशहरी आम का दशहरे से भी है क्या कोई कनेक्शन? ये रहा इस सवाल का जवाबदशहरी आम को दशहरी क्यों कहते हैं

आम न सिर्फ फलों का राजा होता है बल्कि गर्मी के मौसम में आम बाजार और मंडियों का भी राजा बन जाता है. लोग दूसरे फलों और सब्जियों को छोड़कर ज्यादा से ज्यादा आम खाना पसंद करते हैं. ऐसे में आम की कई किस्में होती हैं जिन्हें लोग अपने स्वाद के अनुसार खाना पसंद करते हैं. कुछ स्वाद में बेहद मीठे होते हैं तो कुछ की खुशबू और आकार लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने का काम करते हैं. ऐसे में आम के मौसम में दशहरी आम की मांग काफी अधिक रहती है. यह आम की उन किस्मों में से एक है, जो अपनी भीनी सुगंध और मीठे स्वाद के लिए जानी जाती है. आइये जानते हैं दशहरी आम की अन्य खूबियों के बारे में जानते हैं.

दशहरी आम भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी पसंद किया जाता है. विदेशों में यह दशहरी आम अपने बेहतरीन स्वाद के लिए बहुत प्रसिद्ध है, कहा जाता है कि दक्षिण भारत में दशहरी आम को दसहरी नाम भी दिया गया है. उत्तर प्रदेश में दशहरी आम बहुत पसंद किया जाता है. जिस वजह से यहां आम की इस किस्म की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है.

ये भी पढ़ें- Mango Variety-1: इस आम के बचे हैं सिर्फ 8 पेड़, नाम है नूरजहां, जान लें पूरी कहानी

इसका नाम दशहरी क्यों पड़ा?

दशहरी आम की उत्पत्ति लखनऊ क्षेत्र से सटे दशहरी गांव में हुई थी. जिस वजह से आम की इस किस्म का नाम दशहरी रखा गया है. दशहरी आम का सबसे अधिक उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है. आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो यहां हर साल करीब 20 लाख टन दशहरी आम का उत्पादन होता है. कहा जाता है कि लखनऊ के पास काकोरी स्टेशन से सटे दशहरी गांव में पहला दशहरी आम का पेड़ लगाया गया था. जिस वजह से इस गांव के नाम पर ही इसका नाम दशहरी आम पड़ा है.

दशहरी आम की पूरी कहानी

ये भी पढ़ें: Mango Variety: EMI पर बिकता है ये आम, आखिर क्यों हैं इसके इतने दाम, जानें पूरी बात?

मिर्जा गालिब तक थे दशहरी आम के शौकीन

मलिहाबाद में रह रहे बुजुर्गों की मानें तो उनका कहना था कि मिर्जा गालिब दशहरी आम के बेहद शौकीन हुआ करते थे. गांव के एक बुजुर्ग के मुताबिक जब यह इलाका अवध का हुआ करता था, तब मिर्जा गालिब भी यहां आते तो यह आम खाना नहीं भूलते थे. ऐसा माना जाता है कि ऐतिहासिक दशहरी आम के पेड़ को सबसे पहले नवाब मोहम्मद अंसार अली ने लगाया था. आज भी उनके परिवार के वंशज इस पेड़ के मालिक हैं. जिस वजह से इस पेड़ पर आने वाले आम सबसे पहले नवाब अंसार अली के परिवार को भेजे जाते हैं फिर बाद में कोई और खाता है.

ये भी पढ़ें- Mango Variety-3: लंगड़ा आम को आखिर लंगड़ा क्यों कहते हैं, कैसे पड़ा यह नाम, जानें कहानी

कैसे करें दशहरी आम की पहचान

दशहरी आम छोटे से मध्यम आकार के होते हैं. इसकी लंबाई औसतन 9 से 15 सेंटीमीटर होती है और आम का निचला हिस्सा नुकीला होता है. इसके छिलके मोटे और यह हल्के हरे से पीले-हरे रंग के होते हैं. यह फल पकने पर सुनहरे पीले रंग का हो जाता है.

POST A COMMENT