भारतीय चीनी मिल संघ (ISMA) ने 2025-26 चीनी सीजन के लिए पहली अग्रिम अनुमान रिपोर्ट जारी की है. चीनी मार्केटिंग सीजन अक्टूबर से सितंबर तक चलता है. रिपोर्ट के अनुसार देश में इस बार गन्ने की बुवाई और उत्पादन में वृद्धि दर्ज की की जा सकती है, जिससे चीनी उत्पादन (डायवर्जन से पहले) 18% बढ़कर लगभग 349 लाख टन तक पहुंच सकता है, जो पिछले वर्ष के 295 लाख टन से ज्यादा है. ISMA ने यह अनुमान जून महीने में ली गई सैटेलाइट तस्वीर से लिए गए सर्वे के आधार पर जारी किए हैं.
महाराष्ट्र में गन्ने का रकबा 8% बढ़कर 14.93 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 13.82 लाख हेक्टेयर था. अनुकूल मॉनसून, मई में अच्छी बारिश और जलाशयों में पर्याप्त जल स्तर के कारण गन्ने की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है. इसके चलते राज्य का चीनी उत्पादन (डायवर्जन से पहले) लगभग 66.19 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है, जो पिछले साल 53.68 लाख टन था. कर्नाटक में भी गन्ना क्षेत्र में लगभग 6% की वृद्धि हुई है और यह 6.14 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 6.76 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है. यहां भी बेहतर बारिश और जल उपलब्धता ने फसल की गुणवत्ता और रिकवरी में सुधार की उम्मीद जगाई है.
वहीं, उत्तर प्रदेश में गन्ने का रकबा 3 प्रतिशत घटकर 22.57 लाख हेक्टेयर रह गया है, लेकिन मिल स्तर पर किए गए उपायों और रोग नियंत्रण के चलते फसल की स्थिति पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर बताई जा रही है. राज्य का अनुमानित चीनी उत्पादन (डायवर्जन से पहले) 102.53 लाख टन रहने की संभावना है, जो पिछले साल 100.74 लाख टन था.
वहीं, देश भर में बेहतर बारिश, जलाशयों में पर्याप्त पानी और अनुकूल परिस्थितियों के कारण चीनी की कुल उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद है. साथ ही, गन्ने की रिकवरी दर में भी सुधार होने की संभावना जताई गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि क्षेत्रीय विविधताओं को छोड़कर अन्य राज्यों में गन्ने के रकबे और उत्पादन में मामूली बदलाव देखे गए हैं.
हालांकि रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि वर्तमान अनुमान शुरुआती हैं, क्योंकि मॉनसून अभी अधूरा है और फसल अपने प्रारंभिक चरण में है. ISMA ने बताया कि वह अगस्त-सितंबर में फसल की स्थिति की दोबारा समीक्षा कर सितंबर 2025 में दूसरी अनुमान रिपोर्ट जारी करेगा.
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