चमेली एक प्रकार का सुगंधित फूल है. जिसका इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है. यह फूल अपनी खुशबू के लिए जाना जाता है. फूल आमतौर पर सफेद या पीले रंग के होते हैं और इनमें एक अलग और मनमोहक खुशबू होती है. चमेली के फूलों का उपयोग कई त्योहारों या धार्मिक समारोहों में किया जाता है. इसके अलावा, चमेली के फूलों का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा सहित विभिन्न प्रयोजनों के लिए भी किया जाता है. आज के समय में चमेली के फूल का इस्तेमाल इत्र बनाने से लेकर तेल बनाने तक में किया जाता है.
इतना ही नहीं चमेली के फूलों से बने उत्पादों की मांग सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में है. ऐसे में आइए जानते हैं कि चमेली का तेल कैसे तैयार किया जाता है.
चमेली का तेल चमेली के फूल से निकाला जाता है. चमेली का फूल झाड़ी या बेली जाति का है. दुनिया भर में इसकी लगभग 200 प्रजातियाँ पाई जाती हैं. इस फूल से जो तेल निकलता है उसे चमेली का तेल कहा जाता है. चमेली के फूलों का सौंदर्य, प्रेम और पवित्रता से जुड़े होने का एक लंबा इतिहास रहा है. कई एशियाई संस्कृतियों में, इन्हें अक्सर शादियों और अन्य शुभ अवसरों के लिए सजावट के रूप में उपयोग किया जाता है. फूलों का उपयोग आमतौर पर मालाएँ बनाने के लिए भी किया जाता है, जिन्हें सम्मान और भक्ति के संकेत के रूप में पहना या चढ़ाया जाता है. वहीं चमेली के तेल को बालों और त्वचा पर लगाने की परंपरा है. पहले के जमाने में चमेली के तेल को अमीरों का तेल भी कहा जाता था. इतना ही नहीं सिर्फ अमीर लोग ही इस तेल को लगाते थे. इसका एक कारण और भी है कि यह तेल महंगा होता था जिस वजह से गरीब वर्ग के लोग इसे नहीं खरीद पाते थे.
चमेली का तेल निकालने के कई तरीके हैं. लेकिन इनमें से दो तरीके काफी मशहूर हैं जिसका इस्तेमाल ज़्यादातर किया जाता है. पहला तरीका है स्टीम डिस्टिलेशन का. दूसरा तरीका है साल्वेंट एक्सट्रेक्शन का. दोनों ही तरीके से ही चमेली के फूलों से तेल को जाता है. वहीं इस तेल की कीमत बाज़ारों में काफी अधिक है.
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चमेली का तेल निकालने के लिए यह बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की जाने वाली विधि है. ताजे काटे गए चमेली के फूलों को एक डिस्टिलेशन उपकरण में रखा जाता है, और भाप के माध्यम से फूलों में से तेल निकाला जाता है. भाप फूलों की पंखुड़ियों से आवश्यक तेल निकालने में मदद करती है. फिर तेल युक्त भाप को एक जगह जमा किया जाता है. चूँकि तेल पानी से हल्का होता है, यह सतह पर तैरने लगता है और फिर इसे अलग कर लिया जाता है.
इस विधि में चमेली के फूलों को अल्कोहल या तेल से ढक दिया जाता है. इसके बाद इसे 48 घंटे के लिए किसी अंधेरी जगह पर छोड़ दिया जाता है. बाद में फूलों को अल्कोहल या तेल से निकालकर निचोड़ा जाता है. इसी तरह आप इस विधि से चमेली का तेल निकाल सकते हैं.
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