कनेर का फूल देखने में जितना सुंदर होता है, उठने ही इसके फायदे भी हैं. कनेर के फूल को ज्योतिष शास्त्र में भी बहुत शुभ माना जाता है. यह फूल आपको तीन रंगों में देखने को मिलेगा. ज्योतिष शास्त्र में कनेर को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. देवी लक्ष्मी को कनेर के फूल चढ़ाए जाते हैं. लेकिन वहीं इस फूल को बच्चों से दूर रखने की सलाह दी जाती है. ऐसा क्यों आइए जानते हैं.
कनेर के बीज जहरीले होते हैं और इनके सेवन से कई बीमारियों सहित मृत्यु का खतरा हो सकता है. इसका जहर डिगॉक्सिन दवा की तरह होता है, जो दिल की धड़कन को धीमा कर देता है. एक कनेर का बीज एक सौ डिगॉक्सिन गोलियों के बराबर होता है. यह पहले दिल की धड़कन को धीमा कर देता है और फिर धीरे-धीरे पूरी तरह से बंद कर देता है. यही कारण है कि इसे बच्चों से दूर रखने कि सलाह दी जाती है. दरअसल इसका फूल या बीज देखने में काफी आकर्षक होता है. जिस वजह से बच्चे इसे अंजाने में खा लेते हैं ओर देखते-देखते यह जहर उनकी शरीर में फैल जाता है.
पीले कनेर का सेवन करने से पहले इसकी सही खुराक जानना बहुत जरूरी है. इसके अधिक सेवन से व्यक्ति को उल्टी, सिरदर्द, दस्त, पेट दर्द, जी मिचलाना, कमजोरी, हृदय संबंधी गंभीर समस्याएं आदि जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए इसके सेवन से पहले उचित जानकारी और मार्गदर्शन लेना जरूरी है. कनेर का फूल जहां एक ओर कई बीमारियों का कारण है वहीं दूसरी तरफ यह बीमारियों को ठीक भी करता है.
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कनेर के पत्तों में जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो दाद के कीटाणुओं को मारने और उपचार को बढ़ावा देने में सहायता करेंगे. इसके जीवाणुरोधी गुणों से हर्पीस के दाग भी कम हो जाते हैं. लंबे समय तक इस्तेमाल से दाद को ठीक किया जा सकता है. आप कनेर के पत्तों का उपयोग बिना पेस्ट बनाए भी कर सकते हैं. नारियल के तेल में कनेर के पत्तों को पकाने के बाद उन्हें अपने शरीर पर लगाने मात्र की जरूरत है. यह आपके शरीर के आंतरिक स्रोतों से दाद को दूर करने में मदद करेगा.
जोड़ों के दर्द के लिए आप कनेर के पत्तों के पेस्ट का उपयोग कर सकते हैं. कनेर में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत दिला सकते हैं. यह लेप हड्डियों को अंदर से राहत भी पहुंचाता है. बस कनेर की ताजी पत्तियां लें और इसे पीस लें, इसमें थोड़ा सा जैतून का तेल मिलाएं और इसे गर्म कर लें. इसे दर्द वाले जोड़ों पर लगाएं और हल्के हाथों से मसाज करें. इससे आपके जोड़ों का दर्द धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा.
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