WHO: डब्ल्यूएचओ ने किया बड़ा दावा, जल जीवन मिशन की पहुंच से देश में रुक सकती हैं 4 लाख मौतें

WHO: डब्ल्यूएचओ ने किया बड़ा दावा, जल जीवन मिशन की पहुंच से देश में रुक सकती हैं 4 लाख मौतें

Jal Jeevan Mission Har Ghar Jal: भारत अगर जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों में हर घर में पानी के नल का कनेक्शन पहुंचाने में कामयाबी हासिल कर लेता है, तो डायरिया से सालाना करीब 4 लाख मौतों को रोका जा सकता है. वहीं, देश में ग्रामीण नल के पानी का कनेक्शन 2019 में 16.64 फीसदी से बढ़कर 41 महीनों के भीतर 62.84 फीसदी हो गया है.

Advertisement
WHO: डब्ल्यूएचओ ने किया बड़ा दावा, जल जीवन मिशन की पहुंच से देश में रुक सकती हैं 4 लाख मौतेंजल जीवन मिशन

डायरिया से होने वाले मौतों को लेकर डब्ल्यूएचओ ने बड़ा दावा किया है. दरअसल, डब्ल्यूएचओ के अनुसार अगर भारत जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों में हर घर में पानी के नल का कनेक्शन पहुंचाने में 100 फीसदी कामयाबी हासिल कर लेता है, तो देश डायरिया से सालाना लगभग चार लाख मौतों को रोका जा सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इसके साथ ही लगभग 1.4 करोड़ डीएएलवाई (Disability Adjusted Life Years-विकलांगता समायोजित जीवन वर्ष) को बचाया जा सकता है. बता दें कि एक डीएएलवाई पूर्ण स्वास्थ्य के एक वर्ष के बराबर के नुकसान को कहते हैं. मालूम हो कि अब तक ग्रामीण इलाकों में नल-जल कवरेज 62.84 फीसदी परिवारों तक पहुंच गई है.

जल जीवन मिशन की पहुंच से देश में रुक सकती हैं 4 लाख मौतें

डब्ल्यूएचओ के अध्ययन के अनुसार, जल जीवन मिशन से हर घर नल होने से जल जनित बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकेगा और गुणवत्तापूर्ण जल की सप्लाई सुनिश्चित हो सकेगी. देश में जल की वजह से होने वाले बीमारियां मौतों का बड़ा कारण हैं. स्वच्छ पानी पीने के से जल जनित रोगों बीमारियों से बचाव होगा. इससे हर साल लगभग 4 लाख डायरिया रोग से होने वाली मौतें रुकेंगी. वहीं, भारत में 5 साल तक के बच्चों की मौतों का तीसरा बड़ा कारण डायरिया है और यह 13 फीसदी मौतों की वजह भी बनता है. लिहाजा,  इससे निपटने के लिए देश को दीर्घकालीन प्रयासों की जरूरत है.

इसे भी पढ़ें- Wheat Price Hike: बंपर उत्पादन के बावजूद इतना क्यों बढ़ रहा गेहूं का दाम?

जल जीवन मिशन का उद्देश्य

जल जीवन मिशन योजना का उद्देश्य राज्यों के उन ग्रामीण इलाकों में पानी की सुविधा उपलब्ध करवाना है, जहां बढ़ती जनसंख्या के साथ पानी जैसी समस्या भी बढ़ती जा रही है. ऐसे कई ग्रामीण क्षेत्र है, जहां लोगो को कई किलोमीटर दूर पैदल चल कर पानी लाना पड़ता है.

हर दिन 6.66 करोड़ घंटों की होगी बचत

डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि हर घर में टैप से पानी की सप्लाई महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं, क्योंकि इससे उन्हें पानी की व्यवस्था करने में जो समय देना पड़ता है, उसमें हर दिन 6.66 करोड़ घंटों की बचत होगी.

इसे भी पढ़ें- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में घोटाला! किसान का खेत और खाता दोनों खाली

बच्चों का होगा सर्वांगीण विकास

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण इलाकों में इस योजना का सार्थक पहलू यह भी है कि इससे बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा. इससे देश के 9.07 लाख स्कूलों में नल से जल मिलेगा और 9.40 लाख आंगनबाड़ी केंद्र भी नल से जल के दायरे में आएंगे.
 

POST A COMMENT