देशभर में इस साल ज्यादातर राज्यों में चीनी मिलों में गन्ना पेराई का काम जल्दी खत्म हो गया. इस बीच, इंडियन शुगर एंड बायो एनर्जी मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) ने चीनी उत्पादन से जुड़े ताजा आंकड़े जारी किए हैं. ISMA के मुताबिक, चालू 2024-25 सत्र में इस साल 15 अप्रैल तक चीनी का उत्पादन 254.97 लाख टन तक पहुंच गया है. और अभी देशभर में 38 मिलों में चीनी उत्पादन का काम चल रहा है. ISMA ने उम्मीद जताई है कि भारत इस साल लगभग 35 लाख टन चीनी को इथेनॉल उत्पादन की ओर मोड़ने में कामयाब हो जाएगा. पिछले साल 21.5 लाख टन चीनी का डायवर्जन किया गया था. वहीं, अच्छी खबर यह है कि कनार्टक में सीजन के दौरान एक बार फिर चीनी मिलों में काम शुरू हो सकता है.
ISMA ने बयान जारी कर कहा कि उत्तर प्रदेश में अभी भी लगभग 22 मिलें चालू हैं, जिनमें से लगभग 16 मिलें पश्चिमी यूपी में चल रही हैं. प्लांट केन की बेहतर पैदावार के कारण, यूपी राज्य में गन्ने की उपलब्धता में सुधार हुआ है और इन मिलों के अप्रैल 2025 के अंत या मई के पहले हफ्ते तक चालू रहने की उम्मीद है. इसके अलावा, सीजन की दूसरी छमाही में चीनी की रिकवरी में भी सुधार हुआ है, जिसके चलते चीनी का बेहतर उत्पादन हुआ है, जबकि महाराष्ट्र में, पुणे जिले की एक चीनी मिल अगले महीने के दूसरे हफ्ते तक चालू रह सकती है.
ISMA ने अपने बयान में कहा है कि यह ध्यान देने लायक बात है कि दक्षिण कर्नाटक में कुछ मिलों में जून या जुलाई से सितंबर 2025 तक स्पेशल सीजन के दौरान फिर से चीनी उत्पादन का काम शुरू होने की उम्मीद है. कर्नाटक और तमिलनाडु सामूहिक रूप से स्पेशल सीजन में लगभग 4-5 लाख टन चीनी का योगदान करते हैं.
ISMA के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 122 मिलों में चीनी उत्पादन का काम शुरू हुआ, जिनमें से अब 100 मिलों में काम बंद हो चुका है और वर्तमान में सिर्फ 22 मिलों में उत्पादन हो रहा है. 15 अप्रैल 2025 तक यहां 91.10 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है. एक और बड़े चीनी उत्पादक राज्य महराष्ट्र में 200 मिलों के साथ चीनी उत्पादन काम शुरू हुआ जिनमें से 199 में चालू सीजन का काम बंद हो चुका है और पुणे की एक मिल चालू है. महराष्ट्र में 80.76 लाख टन चीनी उत्पादन दर्ज किया गया.
वहीं, कनार्टक में 80 मिलों में चीनी उत्पादन काम हुआ और सीजन खत्म होने के 6 महीने में ही राज्य की सभी मिलों में काम बंद हो चुका है. इस दौरान राज्य में कुल 40.40 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ. गुजरात की बात करें तो यहां 15 में से 14 मिलों में चीनी उत्पादन का काम बंद हो चुका है और एक मिल में उत्पादन हो रहा है. यहां 8.86 लाख टन चीनी उत्पादन रिकॉर्ड किया गया है.
इसके अलावा तमिलनाडु में 30 में से 16 चीनी मिलों में काम बंद हो गया है और 14 में उत्पादन का काम चल रहा है. यहां 15 अप्रैल तक 4.70 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है. वहीं, अन्य राज्यों की 87 मिलें, जहां अब सीजन का का खत्म हो चुका है में कुल 29.15 लाख टन चीनी उत्पादन रिकॉर्ड किया गया है. इस तरह देशभर में कुल 534 मिलों में से 496 मिलों में सीजन खत्म होने से पहले चीनी उत्पादन का काम बंद हो चुका है और सिर्फ 38 मिलें ही कार्यरत हैं. इस प्रकार कुल 254.97 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है. बता दें कि चीनी उत्पादन के ये आंकड़े चीनी को इथेनॉल में डायवर्ट करने के बाद के हैं.
ISMA ने कहा है कि 2025-26 चीनी सीजन में दक्षिण में फसल की बेहतर संभावनाएं हैं. 2024 में अनुकूल दक्षिण-पश्चिम मानसून से फायदा लेकर, 2025-26 सीजन के लिए गन्ना रोपण में महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है.इसका नतीजा यह होगा कि, पेराई सत्र अक्टूबर 2025 में निर्धारित समय के अनुसार शुरू होने का अनुमान है, जिससे पर्याप्त आपूर्ति की स्थिति सुनिश्चित होगी.
वहीं, उत्तर प्रदेश अन्य उत्तरी क्षेत्रों में चल रही गन्ने की वैरायटी बदलकर खेती करने की पहल से उत्साहजनक परिणाम सामने आ रहे हैं. इन प्रगति से गन्ने की उपज और चीनी रिकवरी दर दोनों में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, जिससे आगामी सीजन में समग्र उत्पादन प्रदर्शन मजबूत होगा.
ISMA ने सकारात्मक जलवायु पूर्वानुमान को लेकर कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और स्काईमेट दोनों के मौसमी पूर्वानुमानों में 2025 के लिए सामान्य दक्षिण-पश्चिम मानसून का अनुमान लगाया गया है. यह अनुकूल कृषि-जलवायु वातावरण में विश्वास को मजबूत करता है, जिससे 2025-26 सीज़न के लिए स्वस्थ गन्ने की फसल और मजबूत उत्पादन क्षमता को समर्थन मिलता है.
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