इस बार भारत का कपास आयात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. सितंबर में खत्म हो रहे वर्तमान फसल वर्ष 2024-25 के लिए भारत के कपास का आयात रिकॉर्ड 39 लाख गांठ (प्रत्येक 170 किलोग्राम) का होगा. यही आयात पिछले साल 15.20 लाख गांठों का था, यानी इस फसल वर्ष ये दोगुने से भी ज़्यादा है. इसको लेकर कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CAI) के अध्यक्ष अतुल गणात्रा ने कहा कि सस्ती अंतरराष्ट्रीय कीमतें और मिलों की ओर से दूषित पदार्थों से मुक्त कपास की बढ़ती मांग के कारण इस आयात में तेजी देखने को मिली है.
CAI के अध्यक्ष ने कहा कि आज हमारी कीमतें विश्व बाजार के मुकाबले 10 से 12 फीसदी अधिक हैं और यही वजह है कि भारत ने 39 लाख गांठ और लगभग 40 लाख गांठ को पार करते हुए सबसे अधिक आयात किया है. इससे पहले, भारत का कपास आयात 2022-23 के दौरान 31 लाख गांठ के उच्च स्तर को छू गया था. तब घरेलू कीमतें रिकॉर्ड 1 लाख रुपये प्रति कैंडी (356 किलोग्राम) तक पहुंच गई थीं. इसके अलावा, गणात्रा ने बताया कि भारतीय कंपनियों ने अक्टूबर से शुरू होने वाले अगले फसल वर्ष के लिए कपास आयात के कॉन्ट्रेक्ट पहले ही शुरू कर दिए हैं, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय कीमतें सस्ती हैं. गणत्रा ने कहा कि पिछले 10 दिनों में ही अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर डिलीवरी के लिए 1.5 लाख गांठों के अनुबंध हो चुके हैं.
अंग्रेजी अखबार 'बिजनेस लाइन' की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में, ब्राजील का कपास किसी भी बंदरगाह पर डिलीवरी के लिए ₹51,000 प्रति कैंडी पर उपलब्ध है. 11 प्रतिशत आयात शुल्क के कारण, इसकी कीमत ₹56,000 है. हालांकि, मिलें, जो प्रत्यक्ष निर्यात का बड़ा हिस्सा कर रही हैं, खुले लाइसेंस पर खरीद सकती हैं, जिस पर आयात शुल्क 4.4 प्रतिशत है. गणात्रा ने कहा कि इसलिए उन्हें आयातित कपास सस्ता और सबसे अच्छा लग रहा है.
सितंबर तक अनुमानित 39 लाख गांठों के आयात में से लगभग 33 लाख गांठें जुलाई के अंत तक भारतीय बंदरगाहों पर पहुंच चुकी हैं. गणात्रा ने कहा कि मेरा मानना है कि आधा आयात ब्राज़ील से हुआ है, जबकि 8-10 लाख गांठें अफ्रीकी देशों से आयात की गई हैं, जिन पर शुल्क आधा यानी 5.5 प्रतिशत है. 3 लाख गांठें टैक्स-मुक्त कोटे के तहत ऑस्ट्रेलिया से आयात की जाती हैं.
वाणिज्य मंत्रालय के अनुमानों के अनुसार, अप्रैल-जुलाई की अवधि के दौरान कच्चे और अपशिष्ट कपास के आयात में डॉलर मूल्य के संदर्भ में 61 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. इस वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई के दौरान कपास का आयात 383.22 मिलियन डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 238.30 मिलियन डॉलर से अधिक है. अप्रैल-मार्च 2024-25 के दौरान, भारत का कच्चे और अपशिष्ट कपास का आयात 1.219 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष के 598.66 मिलियन डॉलर से 104 प्रतिशत अधिक है.
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