त्रिपुरा भारत का दूसरा सबसे बड़ा रबर उत्पादक राज्य है भारत के नॉर्थ ईस्ट का एक अहम हिस्सा त्रिपुरा इन दिनों एक ऐसे ट्रेड फेयर की मेजबानी कर रहा है जिसने किसानों को नई उम्मीदें दी हैं. राज्य की उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री संताना चकमा ने राजधानी अगरतला में रबर और रबर से बने प्रॉडक्ट्स के लिए वर्चुअल ट्रेड फेयर (VTF) के छठे संस्करण का शुभारंभ किया है. रबर बोर्ड ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निर्यात को बढ़ावा देने के मकसद से साल 2021 में रबर और रबर उत्पादों के लिए इस ट्रेड फेयर की शुरुआत की गई थी. यह भारतीय रबर उत्पाद निर्माताओं को अपने इनोवेशन को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के सामने पेश करने का एक खास मौका मुहैया कराता है.
कार्यक्रम में भारत सस्टेनेबल नेचुरल रबर के कॉन्सेप्ट पर खासा जोर दिया गया. यह पर्यावरण के लिए और आने वाले समय में रबर के उत्पादन के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दिखाता है. इसके अलावा उत्पादकों को ग्लोबल मार्केट्स से जोड़कर यह न सिर्फ व्यापार को बढ़ावा देता है बल्कि रबर इंडस्ट्री की पूरी वैल्यू चेन में सस्टेनेबल प्रैक्टिसेज को भी प्रोत्साहित करता है. दरअसल वर्चुअल ट्रेड फेयर एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म है जहां रबर और इसकेप्रॉडक्ट्स के संभावित निर्यातक अपने उत्पाद प्रदर्शित कर सकते हैं. साथ ही खरीदार इन स्टॉल्स को वर्चुअली एक्सेस कर डीलर्स से बातचीत कर सकते हैं.
इस प्लेटफॉर्म से मैन्युफैक्चरर्स, एक्सपोटर्स और और संभावित निवेशकों के बीच नेटवर्किंग के अवसर बढ़ते हैं. इससे रबर इंडस्ट्री के पूरे इकोसिस्टम को मजबूती मिलती है. यह वर्चुअल ट्रेड फेयर अंतरराष्ट्रीय रबर व्यापार में भारत की बढ़ती भूमिका को उजागर करता. साथ ही साथ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को दुनिया के सामने लाने में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है. इस अवसर पर किरण गिट्टे, सचिव, उद्योग एवं वाणिज्य, त्रिपुरा, एम. वसंथगेशन, कार्यकारी निदेशक, रबर बोर्ड, बिनोई के कुरियन, सचिव-प्रभारी, रबर बोर्ड और एन. साली, ज्वॉइन्ट रबर प्रोडक्शन कमिश्नर मौजूद थे.
संताना चकमा के अनुसार नैचुरल रबर की खेती ने राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उनका कहना है कि रबर गांवों की प्रगति और रोजगार के लिए एक प्रमुख प्रेरक शक्ति बन गई है. त्रिपुरा भारत का दूसरा सबसे बड़ा रबर उत्पादक राज्य है. यहां 1,10,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में रबर की खेती होती है. साल 2024 तक इसका अनुमानित उत्पादन 1,10,000 मीट्रिक टन से अधिक रहा है. राज्य सरकार आय में सुधार के लिए रबर खेती को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है. इसके लिए विशेष रबर पार्क, निवेश को प्रोत्साहन, और उत्पाद की गुणवत्ता व बाजार मूल्य बढ़ाने हेतु आधुनिक स्मोकहाउस के विकास जैसी पहलें की जा रही हैं.
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