हमारे देश में खानपान को लेकर सभी लोगों की अलग-अलग पसंद हैं. कुछ लोग नॉनवेज खाना पसंद करते हैं तो कुछ लोग शुद्ध शाकाहारी. इतना ही नहीं हमारे देश में वीगन की भी कोई कमी नहीं है. ये वो लोग होते हैं जो मांस-मछली तो दूर जानवरों से मिलने वाले दूध तक नहीं पीते हैं. दरअसल खानपान को लेकर अलग-अलग विचार रखने वाले लोग अपनी-अपनी डाइट को बेहतर और पोषक बनाने के लिए अलग-अलग तरीके का प्रयास करते रहते हैं. मांसाहारी लोग कहते हैं कि नॉन-वेज फूड आइटम्स में ज्यादा प्रोटीन होता है, तो शाकाहारी लोगों का मानना है कि वेजिटेरियन फूड्स में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है. ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि अनाज, शाक-सब्जी या मछली, किसमें ज्यादा प्रोटीन मिलता है?
इस बड़े सवाल का जवाब जानने से पहले आपको ये भी जानना जरूरी है कि मांसाहारी भोजन के साथ-साथ शाकाहारी भोजन में भी पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है. इसमें अंडे, शाक-सब्जी, चिकन, दूध, मछली, आदि प्रोटीन के सबसे बड़े स्रोत हैं. लेकिन जब बात सबसे ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन की आती है, तो लोग असमंजस में पड़ जाते हैं कि किन चीजों को खाने से शरीर को अधिक प्रोटीन मिलेगा. ऐसे में आप इस सिंपल चार्ट से समझिए कि किन चीजों में अधिक मिलता है प्रोटीन.
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अनाज 7.3-8.5 (प्रतिशत में)
शाक-सब्जी 0.1-0.5
दूध 3.0-4.5
अंडा 13-13.5
मांस 18-19.3
मछली 14-20.9
इस चार्ट में दिए गए आंकड़ों के अनुसार मांसाहार वाले भोजनों में अधिक प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है. इसमें सबसे अधिक मीठे पानी वाली मछली में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है. इसके अलावा मांस और फिर अंडे में ज्यादा मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है. साथ ही बात करें शाकाहारी आहार की तो इसमें सबसे अधिक प्रोटीन अनाज में पाया जाता है. वहीं सबसे कम प्रोटीन की मात्रा की बात करें तो शाक-सब्जी इसमें सबसे पीछे है.
प्रोटीन एक बहुत जरूरी पोषक तत्व है जो शरीर के विकास, खून बढ़ाने, मांसपेशियों का निर्माण और शरीर के संरचना के लिए जरूरी होता है. शरीर में प्रोटीन का काम मांसपेशियों का निर्माण करना, शारीरिक विकास, इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाना, करना, वजन को संतुलित रखने में मदद करना, हड्डियों को मजबूत बनाना आदि है. वहीं शरीर में प्रोटीन की कमी से कमजोरी और थकान, स्किन और बालों की समस्याएं, वजन में कमी, भूख की कमी, इम्यून सिस्टम की कमजोरी और महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.
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