फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी कि FCI में भारी धांधली का पता चला है. केंद्रीय जांच एजंसी (CBI) ने इसकी तस्दीक की है. इसमें पता चला है कि एफसीआई में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार है जिसमें छोटे से लेकर बड़े स्तर पर घूसखोरी का खेल चलता है. सीबीआई ने बताया है कि पंजाब में एफसीआई अधिकारियों का एक बड़ा गिरोह है जो हर फसल के सीजन में एक डिपो से कम से कम 2-5 करोड़ रुपये की कमाई करता है. यह घूस का पैसा प्राइवेट मिल कंपनियों से आता है और एफसीआई के सभी रैंक के अधिकारियों के बीच बांटा जाता है.
सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज की है. एफआईआर में कहा गया है कि एफसीआई अधिकारियों का एक संगठित गिरोह है जो हर ट्रक की अनलोडिंग पर 1,000 रुपये से 4,000 रुपये तक घूस लेता है. अनाजों से भरे ये ट्रक एफसीआई के गोदामों पर खाली होते हैं जो प्राइवेट मिल कंपनियों से आते हैं. यानी प्राइवेट मिलर के अनाज एफसीआई के गोदामों में आते हैं. चूंकि ट्रक में घटिया अनाज भरा होता है जिसकी क्वालिटी खराब होती है, इसलिए उसे छिपाने के लिए एफसीआई अधिकारियों को रिश्वत दी जाती है.
इस घटना का पर्दाफाश होने के बाद सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए देश के कई इलाकों में छापेमारी की. शुक्रवार को सीबीआई ने देश के 19 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया और गिरफ्तारी की. तलाशी अभियान में 23 लाख रुपये बरामद किए गए. अभी तक सीबीआई ने 99 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया है जिनमें 90 स्थान पंजाब और चंडीगढ़ में हैं जबकि बाकी के 9 स्थान यूपी, कर्नाटक और चेन्नई में हैं.
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शुक्रवार की छापेमारी में सीबीआई ने 23 लाख की नकदी पकड़ी. इसी के साथ अब तक कुल 1,03 करोड़ रुपये पकड़े जा चुके हैं. सीबीआई ने एफसीआई, पटियाला के मैनेजर सतीश वर्मा को गिरफ्तार किया है. सीबीआई ने इस अपराध की छानबीन में 'ऑपरेशन कनक' नाम का अभियान चलाया है जिसके तहत देश के अलग-अलग राज्यों में लगातार छापेमारी की जा रही है. सीबीआई ने इससे पहले गुरु कृपा राइस एंड एग्रो इंडस्ट्रीज के मालिक राजीव खेड़ा, एफसीआई के डिप्टी जनरल मैनेजर राजीव कुमार मिश्रा को गिरफ्तार किया है.
सीबीआई ने इस भीषण फर्जीवाड़े पर से पर्दा उठाने के लिए छह महीने से अंडरकवर ऑपरेशन चलाया था ताकि संदिग्धों और भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़ा जा सके. सीबीआई ने अपनी एफआईआर में 74 लोगों को आरोपी बनाया है जिसमें एफसीआई के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर सुदीप सिंह भी शामिल हैं. इसमें एफसीआई अधिकारियों के अलावा प्राइवेट मिल के मालिक और बिचौलिए भी शामिल हैं.
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जिन 74 लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें 34 अभी कार्यरत हैं, तीन रिटायर हो चुके हैं, 17 प्राइवेट लोग हैं और 20 कंपनियां शामिल हैं. सीबीआई ने छापेमारी में पहले 80 लाख रुपये बरामद किए थे जिसमें 10 लाख रुपये एक महिला से जब्त किए गए. महिला ने इस कैश को वॉशिंग मशीन में छिपा रखा था. भ्रष्टाचार में अनाजों की खरीद, स्टोरेज और वितरण के काम शामिल हैं. आरोप में कहा गया है कि प्राइवेट मिल मालिकों ने घटिया अनाज खरीदने के लिए एफसीआई अधिकारियों को घूस दिए.
सीबीआई की एफआईआर के बारे में 'PTI' ने जानकारी दी है. सीबीआई को सूचना मिली की संगरूर डिवीजन के एक डिपो में 14000 ट्रक अनलोड किए गए हैं और प्रति ट्रक 1600 रुपये की रिश्वत प्राइवेट मिलर्स ने एफसीआई अधिकारियों को दी है. एफआईआर के मुताबिक घूस का पैसा एफसीआई के हर स्तर पर जाता है, यहां तक कि हेडक्वार्टर में भी उसका कुछ हिस्सा भेजा जाता है. एफसीआई के अधिकारियों में टेक्निकल असिस्टेंट से लेकर एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर तक शामिल हैं.
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