Goat Farming: बकरी पालन की बना रहे हैं योजना, पहले जान लें टॉप 20 नस्ल Goat Farming: बकरी पालन की बना रहे हैं योजना, पहले जान लें टॉप 20 नस्ल
हाल ही में कतर में हुए फीफा फुटबाल वर्ल्ड कप में भी ब्लैक बंगाल बकरे के मीट से दस्तरख्वान सजाए गए थे. बरबरे और बीटल बकरों की भी मीट के लिए बहुत डिमांड रहती है. सबसे ज्यादा एक दिन में 5 से 6 लीटर दूध देने वाली नस्ल बीटल है.
घास चरते हुए बरबरे बकरे. नासिर हुसैन - Noida ,
- Dec 19, 2022,
- Updated Dec 19, 2022, 12:15 PM IST
आज तो नहीं, लेकिन कुछ वक्त पहले तक बकरियों को गरीबों की गाय बोला जाता था. दो-चार बकरी पालन को दो वक्त, की रोटी की जुगाड़ माना जाता था. खासतौर पर बकरी पालन मीट के लिए हुआ करता था. लेकिन बीते कुछ वक्त से बकरी के दूध की डिमांड ने बकरी पालन को खास बना दिया है. मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़कर कई युवा बकरी पालन कर रहे हैं. वैसे तो देश में बकरियों की 37 नस्ल हैं, लेकिन दूध-मीट की डिमांड और वातावरण के हिसाब से पालने के लिए उनकी नस्ल का चुनाव किया जाता है.
भारत के ब्लैक बंगाल बकरे के मीट के शौकीन देश में ही नहीं विदेशों में भी हैं. हाल ही में कतर में हुए फीफा फुटबाल वर्ल्ड कप में भी ब्लैक बंगाल बकरे के मीट से दस्तरख्वान सजाए गए थे. बरबरे और बीटल बकरों की भी मीट के लिए बहुत डिमांड रहती है. सबसे ज्यादा एक दिन में 5 से 6 लीटर दूध देने वाली नस्ल बीटल है.
बकरियों की नस्ल और उनकी संख्या
- ब्लैक बंगाल-3 करोड़
- मारवाड़ी-50 लाख
- बरबरी-47 लाख
- उस्मानाबादी-36 लाख
- जमनापरी-25.50 लाख
- सिरोही-19.50 लाख
- कन्नीआड़ू-14.40 लाख
- बीटल-12 लाख
- मालाबारी-11 लाख
- गद्दी- 7.38 लाख
- जखराना 6.5 लाख
- कच्छी- 5.84 लाख
- सेलम ब्लैक- 4.92 लाख
- मेहसाणा 4.25 लाख
- झालावाणी-4 लाख
- कोड़ी आड़ू- 4 लाख
- गोहिलवाणी- 2.90 लाख
- सुरती- 2.31 लाख
- गंजम- 2.11 लाख
- चांगथांगी- 2 लाख
- संगानेरी- 1.63 लाख.
बकरियों से जुड़े कुछ तथ्य एक नजर में
- देश में बकरियों की कुल 37 नस्ल रजिस्टर्ड हैं.
- मीट के साथ अब दूध के लिए भी बकरी पालन बढ़ रहा है.
- गद्दी, चांगथांगी और चेगू नस्ल के बकरे पश्मीबना के लिए पाले जाते हैं.
- हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में बकरों से बोझा भी ढोया जाता है.
- महात्मा गांधी गोहिलवाणी नस्ल की बकरी पालते थे.
- साल 2020-21 में दूध देने वाली बकरियों की संख्या 3.63 करोड़ थी.
- साल 2020-21 में बकरियों ने 62.61 मीट्रिक टन दूध दिया था.
- देश के कुल मीट उत्पादन में बकरियों के मीट की हिस्सेदारी 14 फीसद है.
- साल 2020-21 में बकरे के मीट का कुल 12 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हुआ था.
वो 5 राज्य जहां दूध देने वाली बकरियां ज्यादा हैं
- राजस्थान- 68 लाख
- उत्तर प्रदेश- 46 लाख
- मध्य प्रदेश- 41 लाख
- महाराष्ट्र- 37 लाख
- तमिलनाडू- 32 लाख
बकरे के मीट का उत्पादन करने वाले 5 बड़े राज्य
- पश्चिम बंगाल- 3.16 लाख
- महाराष्ट्र- 1.23 लाख
- बिहार- 1.13 लाख
- राजस्थाटन- 85 हजार
- उड़ीसा- 80 हजार
नोट- मीट की मात्रा टन में है.